प्रवासी साहित्य के बीच सेतु विषय पर बोलते हुए शार्दूला नोगजा ने कहा कि प्रवासी साहित्यकार जब भारत के बारे में लिखते हैं तो क्या सचमुच उसमें भारत के संघर्ष से उभर कर आते हैं
उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले बहुत कम ऐसे लोग हैं जिन्होंने प्रवासी साहित्यकारों की किताबें पढ़ी है उन्होंने कहा ऐसा क्यों होता है ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रवासी साहित्य पढ़ना चाहिए तभी प्रवासी साहित्य मुख्यधारा में शामिल में हो पाएगा ।
हालांकि आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के लोग प्रवासी साहित्य से जुड़ गए हैं उन्होंने कहा कि उन्होंने एक समूह बनाया है हिंदी से प्यार है इसके माध्यम से हम लोग लेखकों को जोड़ने का काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि सेतु बनाने के लिए चर्चा और विमर्श के साथ ही और भी प्रयास करना चाहिए ।