शारदीय नवरात्र 22 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम पांच बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। इसी के साथ दस दिवसीय विशेष अनुष्ठानों की शुरुआत होगी। गोरक्षपीठ में शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ के साथ शक्ति की पूजा की लंबी और समृद्ध परंपरा रही है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में नवरात्रि के पूरे दौरान निरंतर साधना आयोजित की जाती है।
मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि 22 अक्टूबर को परंपरागत कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित और श्रद्धालु सभी शामिल होंगे। शोभायात्रा में शिव, शक्ति और महायोगी गुरु गोरखनाथ के त्रिशूल को मुख्य पुजारी मंदिर के भीतर लेकर चलेंगे। पुजारी ने यह भी बताया कि परंपरा के अनुसार, त्रिशूल संभालने वाले को पूरे नौ दिन मंदिर में ही रहना पड़ता है।
योगी कमलनाथ ने बताया कि आदिशक्ति मां भगवती दुर्गा के पूजन-अनुष्ठान शारदीय नवरात्र के दौरान तथा सत्य, न्याय और धर्म की जीत का पर्व विजयादशमी गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत रीति-रिवाजों और हर्षोल्लास के साथ विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से मनाया जाएगा।
महानवमी को करेंगे कन्या पूजन
एक अक्टूबर को शारदीय नवरात्र की महानवमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुमारी कन्याओं के पांव धोकर उनका पूजन करेंगे। इस अवसर पर मातृस्वरूप कन्याओं के लिए भोज का आयोजन भी किया जाएगा और गोरक्षपीठाधीश्वर उन्हें दक्षिणा एवं उपहार प्रदान करेंगे। साथ ही, बटुक भैरव के रूप में कुछ बालक भी इस पूजन अनुष्ठान में शामिल होंगे।
हर दिन भक्तों के लिए कथा का आयोजन
मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि मठ में शारदीय नवरात्र के दौरान श्रीमद् देवीभागवत की कथा और दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रतिदिन सुबह 4 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान देवी-देवताओं की आराधना के साथ पूजन और आरती का क्रम चलता रहेगा। 29 सितंबर को गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ महा निशा पूजन और हवन करेंगे।