6 प्रधानमंत्रियों के चहेते रहे रामविलास, ‘दलित सेना-LJP के कहलाए ‘जनक’, लालू ने दिया ‘मौसम वैज्ञानिक’ नाम

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By Akanksha JainPublished On: October 8, 2020

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अब हमारे बीच नहीं रहें. गुरुवार को 74 वर्ष की उम्र में रामविलास पासवान ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. दिल्ली के अस्पताल में बीते कुछ समय से उनका इलाज चल रहा था, वहीं हाल ही में उनके दिल का ऑपरेशन भी हुआ था. हालांकि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. उनके बेटे चिराग पासवान ने पिता के निधन की जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी. बिहार से संबंध रखने वाले चिराग पासवान ने पूरे देश में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बलबूते अमिट छाप छोड़ी है. अब वे केवल यादों और किस्सों में मौजूद रह गए हैं. ऐसे में आइए उनसे जुड़ीं महत्वपूर्ण, रोचक और ख़ास जानकारियों के बारे में जानते हैं.

केंद्रीय मंत्री रहे पासवान ने साल 2000 में लोकजनशक्ति पार्टी का गठन किया था. यह पार्टी बिहार से संबंध रखती है, हालांकि बिहार की राजनीति से इसका नाता कम ही रहा है. जबकि केंद्र की सत्ता में इस पार्टी और रामविलास ने खूब शोहरतें पाई. साल 2019 में रामविलास ने अपने बेटे चिराग़ को इस पार्टी का अध्यक्ष बना दिया था. वहीं इससे पहले 1981 में दलितों के उत्थान के उद्देश्य से रामविलास पासवान ने दलित सेना संगठन का निर्माण किया था.

लालू ने दिया मौसम वैज्ञानिक नाम…

बिहार के पूर्व सीएम और लालू प्रसाद यादव रामविलास पासवान की दूरदर्शी सोच से बेहद प्रभावित थे और उन्होंने रामविलास पासवान को मौसम वैज्ञानिक की संज्ञा दी थी. इसका एक कारण रामविलास द्वारा कुल 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया जाना भी माना जाता है. जबकि वे मोदी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री थे.

रामविलास पासवान का राजनीतिक सफ़र…

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत रामविलास ने जमीनी स्तर पर की. वे जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन से जुड़ें रहें. वहीं इसके बाद 1969 के बिहार विधानसभा चुनाव में रामविलास संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए. इसके पांच साल बाद 1974 में वे लोक दल से जुड़ें और फिर वे महासचिव बनें. रामविलास के राजनीतिक करियर ने 1977 में बड़ा मोड़ लिया. जब वे सांसद चुने गए. जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था. इसके बाद 1980 में दोबारा वे सांसद चुने गए.

6 प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम…

रामविलास पासवान के कद के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ किया है. पहली बार उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र की वीपी सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला. आगे जाकर एचडी देवगौड़ा और आईके गुजरात की सरकार में भी वे मंत्री बने. जबकि आगे जाकर अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भी उन्हें मंत्री पद मिला. इसके बाद जब मनमोहन सिंह पीएम बनें तब उनके कैबिनेट में भी रामविलास को जगह मिलीं. वहीं वे मोदी सरकार में वे भी मंत्री रहें.