जांच समिति ने प्रशासन को सौंपी सतपुड़ा भवन में लगी आग की रिपोर्ट,14 सैम्पल जांच के लिए भेजे

bhawna_ghamasan
Published on:

मध्य प्रदेश के साथ पूरे देश में सनसनी फैला देने वाला मामला सतपुड़ा भवन के अग्निकांड का कोई दोषी नहीं है। जी हां, मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में क्लीन चिट दे दी है। इस आग कांड के लिए किसी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि आग शार्ट सर्किट से लगी है। दरअसल, सतपुड़ा भवन की आग की जांच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जहां समिति के अनुसार 287 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 3 स्थलों का निरीक्षण, 32 लोगों के बयान, फॉर रेसिंग साइंस लैब, सागर की जांच, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की तकनीक और समितियों की रिपोर्ट भी अपनी रिपोर्ट में शामिल की है। इस रिपोर्ट में किसी भी अधिकारी कर्मचारी पर दोष नहीं डाला गया हैं।

जांच समिति के मुताबिक घटनास्थल पर हाइड्रोकार्बन के सबूत नहीं मिले यानी मौके पर किसी ने पेट्रोल डीजल केरोसिन आदि को छोड़कर आग नहीं लगाई है। इतना तो तय है। इधर कांग्रेस ने कहा कि अगर हम सरकार में आए तो मेंटेनेंस ऑफ एयर एंड इमरजेंसी सर्विस ऑफ द स्टेट बिल लाया जाएगा।

साथ ही जांच कमेटी का कहना है कि आग सबसे पहले सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर लगी थी। यह कक्ष सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह का था। इसके बाद आग ने विकराल रूप धारण किया और पूरी मंजिल में भीषण आग फैल गई। जांच समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि सतपुड़ा की आग से 24 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसमें फर्नीचर, इलेक्ट्रिकल सामान, फाइलें व अन्य सामान भी शामिल है। इसमें स्वास्थ्य विभाग का हाल ही में हुआ रिनोवेशन का काम भी शामिल है। यहां पूरे ऑफिस को फिर से रिनोवेट किया गया था।

समिति ने इस तरह की जांच

समिति ने रिपोर्ट के 3.1 बिंदु पर बताया कि सतपुड़ा भवन की तीसरी, चौथी, पांचवी और छठी मंजिल में उपस्थित कर्मचारी और अधिकारियों के शपथ पूर्वक बयान लिए गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मोबाइल के फोटो, वीडियो की आलोचना की गई है। इस आधार पर ऐसा लगता है कि सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल के पश्चिमी रिंग में टीएडीपी के सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के कक्ष में 12 जून को शाम 4:00 से 4:05 के मध्य आग लगी थी।