इंदौर। मध्यप्रदेश की स्थिति, भूमि, बिजली और पानी की प्रचुरता इसे निवेश के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। विंध्य बेसिन और समृद्ध सीबीएम संसाधनों के आगामी व्यावसायीकरण के साथ, राज्य भारत के ऊर्जा मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है। बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के साथ-साथ विकासशील औद्योगिक पारिस्थितिकी, तंत्र गैस वितरण और नेटवर्किंग के लिए मध्यप्रदेश अपार अवसर प्रदान करता है।
देश की 50% आबादी तक राज्य की पहुंच है, जो रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के लिए तैयार बाजार उपलब्ध कराता है। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इन्वेस्ट मध्यप्रदेश – ग्लोबल इंवेस्टर समिट के समानांतर सत्र में तेल, प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में निवेश के नए अवसरों एवं क्षेत्र संबंधी औद्योगिक गतिविधियों की सम्भानवों की जानकारी प्रदान की गयी।
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय कुमार शुक्ला ने सत्र में उपस्थित देश एवं विदेश के विभिन्न स्थलों से समिट में आये निवेशकों, उद्योगपतियों एवं औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बताया कि मध्यप्रदेश कोल बेड मीथेन (CBD) के उत्पादन में देश में शीर्ष पर है। मध्यप्रदेश पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन का वृहद नेटवर्क है जो अनुलग्नक औद्योगिक गतिविधियों की स्थापना में सहायक है। शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश, भारत की ऊर्जा सुरक्षा एवं ऊर्जा आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने हेतु यहाँ उपलब्ध प्राकृतिक संस्थानों के सुनियोजित एवं सहज दोहन के लिये सतत प्रयास कर रहा है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने एथनॉल ब्लेंडिंग क्षेत्र में प्रदेश में कच्चे माल की प्रचुर उपलब्धता, निवेशकों औद्योगिक संस्थानों को प्रदान की जाने वाली रियायत, सब्सिडी एवं प्रोत्साहन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ ग्रीन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी शासन उद्योगों एवं निवेशकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे चलने के लिये तत्पर है।
वेनेज़ुएला के भारतीय दूतावास के राजनयिक अल्फ़्रेडो कैल्डरा गज़मैन द्वारा वेनेज़ुएला में उपस्थित जीवाश्म संसाधनों, प्राकृतिक गैस, क्रूड आयल सहित अन्य खनिज संसाधनों एवं संसाधनों के दोहन की नीतियों की संक्षिप्त जानकारी दी गयी। एडीजी, डायरेक्टोरेट जनरल हाइड्रोकार्बन डॉ आनंद गुप्ता द्वारा मध्यप्रदेश हाइड्रोकार्बन खनिज ब्लॉक की खोज एवं मानेटाइज़ेशन संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि मध्यप्रदेश कोल बेड मीथेन (CBM) के उत्पादन में शीर्ष पर है। शीघ्र ही इस उत्पादन में 10 गुना वृद्धि होगी। डॉ गुप्ता ने कहा कि हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में मध्यप्रदेश में 2 बिलियन डॉलर निवेश की क्षमता है। उन्होंने कहा कि शासन की सकारात्मक मंशा एवं उत्कृष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के फलस्वरूप अब हाइड्रोकार्बन की खोज एवं उत्पादन चालू करने की प्रक्रिया की अवधि अब 7 वर्ष से घटकर अब 2 वर्ष हो गयी है। सीएमडी ईआईएल वर्तिका शुक्ला द्वारा हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में मध्यप्रदेश की क्षमताओं एवं विशेषताओं की जानकारी दी गयी।
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निदेशक रिफाइनरीज बीपीसीएल संजय खन्ना, कार्यकारी निदेशक गेल इंडिया लिमिटेड सुनीत वर्मा, चेयरमैन थिंकगैस अमिताभ सेन गुप्ता द्वारा मध्यप्रदेश शासन एवं प्रशासन द्वारा सतत प्रदान किए जा रहे सहयोग को रेखांकित करते हुए उनके संस्थानों की औद्योगिक गतिविधियों एवं आगामी निवेश की जानकारी दी गयी। संजय खन्ना ने बताया कि शीघ्र ही बीना रिफाइनरी की वर्तमान क्षमता 7.8 MMTPA से वृद्धि कर 11.5 MMTPA किया जाएगा। सत्र में उपस्थित उद्योगपतियों, निवेशकों की जिज्ञासाओं का सत्र में उपस्थित अतिथियों द्वारा समाधान किया गया। सत्र का संचालन कार्यकारी निदेशक सिग्नेट इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड सौरभ सांगला द्वारा किया गया।