आबिद कामदार, इंदौर। जब मैंने इंदौर मैराथन (Indore marathon) 1 घंटे 32 मिनट में 21 किलोमीटर दौड़ पूरी की तो वहां मेरे घरवाले नजर नहीं आए, मैने पापा को कॉल किया मैने रेस पूरी करली आप कहां है, तो उन्होंने कहा तुम हमें रेस में दिखे नही हमको लगा तुम निराश होकर घर आ गए, इसलिए हम भी घर आ गए, मैने कहा पापा मैंने मैराथन दौड़ पूरी कर ली तो वह बहुत खुश हुए और वापस आए। अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी (Karthik Joshi) ने 110 स्पर्धाओं में 30 गोल्ड, सिल्वर, और ब्रांज मेडल जीते, उन्हें इंदौरी मिल्खा के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि मैने ऐसी फील्ड को चुना था जिसमे स्थान बना पाना मुस्किल था, लेकिन मैने एक साल तक अपने माता पिता को समझाया कि में कर सकता हूं, मेरे हौंसले के आगे धीरे धीरे उनका भरोसा बढ़ता गया। पहली इंदौर मैराथन में पार्टिसिपेट के लिए पापा को बताया तो उन्होंने कहा तुम्हे पता है इक्कीस किलोमीटर कितना होता है, मैने समझाया की में दौड़ लूंगा और मैने करके दिखाया। तबसे पापा को लग गया की यह कर सकता है। और आगे चलकर मुझे भारत के लिए 2028 में रनिंग में गोल्ड जितना है।
जिस घर में रहते थे वहीं चाय की दुकान थी, लेकिन हौंसला विपरीत परस्थितियों में भी नही टूटा
10 बाय 10 की चाय की दुकान थी रामबनी नगर में, जिसमें पिताजी चाय बनाते थे और हम पांच लोग रहते भी थे। स्कूल जाने के दौरान जब में पास के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से गुजरता था तो पुलिस के जवानों को रनिंग करता देख प्रभावित हुआ। और खुद से सवाल किया क्या में भाग सकता हुं, 14 साल की उम्र में मैने शुरुआत करने की ठानी, फिर में वहां जाकर दौड़ा पहले दिन में 500 मीटर ही दौड़ पाया, मन को लगा रनिंग हर किसी के बस की नही। फिर वहां बैठ के यह जाना कि धीरे दौड़ने से आप लंबे समय तक दौड़ सकते है। शाम होने तक धीरे दौड़ते हुए मैने 13 किलोमीटर की दौड़ पूरी की।
Read More : नीमच में पदस्थ पुलिसकर्मी इंदौर में वांटेड, पता बताने वाले को मिलेगा 5 हजार का इनाम, जानें पूरा मामला
मैराथन के लिए 2710 रुपए के जूते लिए इंस्टालमेंट में
पहली बार जब पापा ने मेरे लिए दौड़ने के जूते खरीदे थे उनकी कीमत 276 रुपए थी।जब ज्यादा समय दौड़ने के बाद वह जूते खराब हो गए मैने पापा से कहा हमें दूसरे जूते लेने होंगे, पापा ने 2,710 रुपए में इंस्टालमेंट पर जूते लिए जिसकी किश्त 6 महीने तक भरी। रनिंग शुरू करने के बाद डेढ़ साल तक प्रैक्टिस की इस दौरान किसी इवेंट में नही दौड़ा। सारी प्रैक्टिस खुद से की इस दौरान पापा और फैमिली ने सपोर्ट किया। आज 80 जोड़ी जूते है, एक जोड़ी जूते में 700 किलोमीटर दौड़ा जा सकता है, इन जूतों को खरीदने में कंपनी स्पॉन्सर करती है। यह लोग मुझे अपने ऐम की और बढ़ने में मदद करती है।
Read More : कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाएगी किचन में मौजूद ये चीजें, आज ही करें इस समस्या का जल्द समाधान
सुबह 3 बजे उठकर दिन भर में 35 किलोमीटर दौड़, 3 किलोमीटर स्विमिंग करते है karthik joshi
कार्तिक बताते है, की वह 11 बजे सोकर रोजाना सुबह तीन बजे उठते है, वह बताते है की रनिंग करने के बाद में कितना भी थक जाऊं मुझे नींद कम आती है, जब इसके बारे में स्टडी किया तो पता चला की यह लक्षण तो इंसोम्निया डिजीज के है, जिसमें इंसान को नींद कम आती है, फिर मैने इस नेगेटिव चीज को पॉजिटिव में बदलना शुरू कर दिया, कम नींद से बचने वाले टाइम को अपनी मेहनत में लगा दिया। डेली शेड्यूल को तीन भागों में बांटा है मैने, पहले सेशन में 4 बजे सुबह शिशुकुंज स्कूल में लगभग 3 किलोमिटर स्विमिंग करता हूं, वहां से फ्री होकर सात बजे घर आता हूं, दूसरे सेशन में 8 बजे रनिंग शुरू करता हु, जो की 18 किलोमीटर होती है।
अपने घर स्कीम नंबर 51 से शुरू कर सुपर कॉरिडोर पर इसे खत्म करता हु। इसके बाद घर जाकर खाना खाकर कॉलेज जाता हूं, 3 बजे के बाद 4 बजे तक कॉलेज में जिम करता हूं, इसके बाद 5 बजे से 6 बजे तक सोता हूं। एक घंटा सोने के बाद सवा छह बजे फिर दौड़ना शुरू करता हु, तो 8 बजे तक 15 किलोमीटर दौड़ता हूं। यह सारी दौड़ अलग अलग हार्ट रेट पर दौड़ता हूं। पूरे दिन की अगर बात की जाए तो लगभग 32 किलोमीटर दौड़ता हूं। इसी के साथ सप्ताह में 50 किलोमीटर साइक्लिंग भी करता हूं।
इन रनिंग में किए कीर्तिमान स्थापित, 110 से ज्यादा जीते गोल्ड और सिल्वर मेडल
इंडिया बैकेड अल्ट्रा में 41 घंटे में 274 किलोमिटर दौड़कर गोल्ड हासिल किया, साउथ अफ्रीका कॉमरेड मैराथन में 7 घंटे में 90 किलोमीटर में बिल रोवन मेडल जीता, महाबलेश्वर इंडिया मैराथन में 90 किलोमिटर 9 घंटे 47 मिनट में पूरा कर गोल्ड मेडल हासिल किया। इंदौर में अब तक 12 घंटे स्टेडियम रन का आयोजन 4 बार हुआ और चारो बार मैने जीता है, हाल ही 12 घंटे में 121 किलोमीटर दौड़ा और गोल्ड मेडल हासिल किया।
सोलांग अल्ट्रा स्काय रेस मायनस 10 डिग्री पर दौड़ी जाती है, और इसका एलिमेशन 7 हजार मीटर होता है, इस 100 किलोमिटर की रेस में मैने 5 वा स्थान हासिल किया। 15 साल की उम्र में हेनर बबूर अल्ट्रा में 250 किलोमीटर दौड़कर वर्ल्ड में सबसे यंगेस्ट रन का रिकॉर्ड बनाया। सारे कीर्तिमान की बात की जाए तो 110 से ज्यादा गोल्ड मेडल और अन्य ट्रॉफी हासिल की है।
पिताजी बेड रेस्ट पर है, घर के खर्चों के लिए भी कार्य करते है कार्तिक
पिताजी बेड रेस्ट पर है, लास्ट ईयर उन्हें हार्ट अटैक आया था, अभी घर के खर्चे के लिए हम सब मिलकर छोटा मोटा काम कर लेते हैं, छोटा भाई और बहन सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मेरे प्रमोशन को लेकर कार्य करते हैं।
वह बताते है कि लंबी रनिंग के बाद आप 2 दिन तक कुछ सॉलिड नही खा सकते, बॉडी हिट जनरेट करती है, जिससे मुंह कच्चा हो जाता है वहीं मसल्स कमजोर हो जाते है, नाखून और पैरों की चमडियां निकल जाती है। वहीं अन्य कई प्रकार की समस्या का सामना करना होता है।
इन रनिंग में होंगे शामिल
वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए पूरे देश से कार्तिक का चयन हुआ है, इसमें 72 देश के रनर अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे, यह 100 घंटे से ज्यादा चलने वाली रेस होगी। इसी के साथ 23 फरवरी को नासिक में 320 किलोमिटर, नेपाल में आयोजित 170 किलोमिटर की एवरेस्ट मैराथन जिसका एलिवेशन दस हजार के आसपास होगा, बर्फ में होने वाली लाहुल मैराथन, स्कॉटलैंड में 380 किलोमीटर मायनस 20 डिग्री के तापमान पर 57 हजार फीट के एलिवेशन की रेस में शहर के कार्तिक हिस्सा लेंगे।