Indore Weather: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार गर्मी का प्रभाव कुछ खास नजर नहीं आ रहा है। इंदौर में शुक्रवार देर रात्रि को तक़रीबन पूरा शहर अलग-अलग समय बारिश में भीगता रहा। 17 किमी प्रति घंटे की गति से दक्षिणी हवा चली। शहर के अधिकतर फीडर बंद होने से कई क्षेत्रों में बिजली गुल रही। अधिक से अधिक टेंपरेचर 35.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो साधारण से 5 डिग्री कम रहा। न्यूनतम टेंपरेचर18.9 डिग्री दर्ज हुआ जो औसत से 4 डिग्री कम रहा। मार्च और अप्रैल में अब तक 5.8 मिमी वर्षा हो चुकी है। इस बदले बिन मौसम से एक्सपर्ट्स भी दंग हैं। उनके अनुसार इसका प्रभाव मानसून घेरे पर भी पड़ सकता है। अगले 4 दिन अभी ऐसा ही मौसम रहने की आशंका है।
Indore Weather temprature
इस समय मौसम को लेकर दो दिन पहले विभाग ने जो अनुमान जारी किए थे। वो शुक्रवार को सरासर सही साबित हुए। सुबह मौसम स्पष्ट रहा और धूप भी चढ़ी लेकिन दोपहर बाद बादलों के उमड़ने के साथ ही तेज हवा भी चली और वर्षा प्रारंभ हो गई। फिर देर सायंकाल से लेकर रात 10 बजे तक मामूली बारिश होती रही। बिन मौसम हुई बरसात से दिन और रात के टेंपरेचर में भरे कमी आई। इधर, शनिवार सुबह से आसमान में काले घने बादल डेरा डाले हुए हैं और मौसम ठंडा बना हुआ है। सुबह हवा की गति 6 किमी प्रति घंटा थी। मौसम एक्सपर्ट्स के अनुसार अभी उत्तर भारत में दो स्ट्रांग पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हैं और साइक्लोन का प्रभाव भी है। इसके चलते इंदौर समेत आस पड़ोस के इलाकों में तीन-चार दिन बाद बादल छाएंगे और मामूली बारिश का अंदेशा बताया गया हैं।
Indore Weather update
बीतते अप्रैल के बाद अब मई भी गर्मी का अहसास नहीं दिलाएगा। मौसम विभाग (imd) का अनुमान है कि पूर्व, पूर्वोत्तर और पाकिस्तान की रेखा से सटे उत्तर-पश्चिमी भारत को छोड़कर बाकी भागों में मई में टेंपरेचर 40 डिग्री को पार नहीं कर पाएगा। यूपी, बिहार, झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय गुजरात और सीमावर्ती राजस्थान को छोड़कर किसी भी भगा में हीटवेव की संभावना बहुत कम है। हालांकि, बिहार, झारखंड, प. बंगाल और ओडिशा में हीटवेव के दिन सामान्य से अधिक हो सकते हैं। मई में उत्तर-पश्चिमी व मध्य के राज्यों में सामान्य से ज्यादा बरसात हो सकती है। इसी कारण से टेंपरेचर कम रहेगा। मई में औसत 61.4 मिमी बारिश होती है। अभी मौसम विभाग ने कम गर्मी पड़ने का अंदेशा जताया है।
क्या इस बार मानसून भी जल्दी आएगा?
इस बार मानसून की केरल में एंट्री देने की डेट 01 जून है। एक्यूरेट अंदेशा 15 मई तक लग सकेगा। मध्य मई में अंडमान सागर के समीप बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान उठ सकता है। वही देश के कुछ क्षेत्रों में अच्छी प्री-मानसूनी बारिश करा सकता है।
अधिक गर्मी नहीं पड़ने से मानसून पर क्या असर?
आपको बता दें कि अप्रैल-मई में भारतीय भूमि पर सतही टेंपरेचर का मानसून से सीधा ताल्लुक नहीं है। मानसून समुद्र के दो सिरों की समुद्री सतह के टेंपरेचर पर डिपेंड करता है। न्यूट्रल कंडीशन में मानसून सामान्य रहता है। अल-नीनो में सूखा और ला-नीना में अधिक बारिश होती है। इस समय न्यूट्रल स्थिति है।