इंदौर। पूर्व के चुनावों में भी शासन-प्रशासन के नियमित कामकाज आचार संहिता लागू होने के दौरान भी जारी रहते हैं। आपको बता दें कि, इस दौरान सिर्फ नए विकास कार्यों और मतदाताओं को प्रभावित करने वाले कार्यों पर ही रोक रहती है। गौरतलब है कि, अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ इंदौर जिले में भी आचार संहिता लागू हो गई है। हालांकि इसका असर कालोनियों की विकास अनुमति कालोनाइजर लाइसेंस से लेकर अभिन्यासों की मंजूरी के काम पर भी नहीं पड़ेगा क्योंकि पूर्व में भी इस तरह की अनुमतियांजारी रहती आई हैं।
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बता दें कि, इसकी पुष्टि कलेक्टर सहित उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी की है। गौरतलब है कि कई जगह आचार संहिता के नाम पर कई तरह के काम जबरन भी रोक दिए जाते हैं। जिसकी वजह से पहले भी चुनाव आयोग ने कई तरह के स्पष्टीकरण जारी किए थे। वहीं अभी राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो गई है। जिसके चलते मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणाएं और कार्य तो नहीं होंगे, लेकिन जो विकास कार्य पहले से ही मंजूर और चल रहे हैं उनमें किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
जिस तरह राजस्व वसूली, पंजीयन से लेकर अन्य सभी कार्य भी होते हैं, उसी तरह कालोनी विकास, मकान बनाने की मंजूरी, कालोनाइजर लाइसेंस से लेकर नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास मंजूरकरवाने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। साथ ही इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्य रोके जाने के फिलहाल कोई दिशा-निर्देश आयोग के नहीं हैं और इससे रोजगार सहित अन्य गतिविधियां भी जुड़ी रहती हैं। लिहाजा ये अनुमतियां जारी रह सकती हैं।
वहीं उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतुल्ल सिन्हा ने भी कहा कि जो प्रशासनिक कामकाज हैं वे आचार संहिता में भी जारी रहते हैं और विकास अनुमति या अभिन्यास मंजूरी जैसे काम भी सामान्य प्रक्रिया के तहत ही आते हैं। लिहाजा इनकी मंजूरी जारी रहेगी। फिर भी एहतियात के तौर पर आयोग से एक बार परामर्श ले लिया जाएगा।