इंदौर। जिले के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2022 का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं के लिए एक अवसर के समान रहा। मध्यप्रदेश शासन के इस महत्वपूर्ण आयोजन में स्पीड मेंटरिंग सत्र के अलावा स्टार्टअप कैसे शुरू करें, स्टार्टअप के लिए फंडिंग और पिचिंग सत्र आयोजित हुए। इस स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2022 में सरकारी और निजी क्षेत्र के नीति निर्माता, इनोवेटर्स, केंद्र और राज्य के प्रशासक, स्टार्टअप्स, संभावित उद्यमी, स्टार्टअप इको-सिस्टम के सभी स्तंभ, शिक्षाविद, निवेशक, मेंटर्स और देश के स्टार्टअप इको-सिस्टम के अन्य सभी हितधारकों ने सहभागिता की।
क्या है स्टार्टअप
कंपनी, साझेदारी या अस्थायी संगठन के रूप में शुरू किये गये उस उद्यम या नये व्यवसाय को स्टार्टअप कंपनी या स्टार्टअप कहते हैं। जो एक दुहराने योग्य और स्केलेबल व्यापार मॉडल की खोज के लिए आरम्भ किया जाता है। इन कंपनियों, आम तौर पर नए बनाए गए, एक प्रक्रिया में नवाचार के विकास, मान्यता और लक्षित बाजारों के लिए शोध कर रहे होते है।
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ऐसे शुरू करें स्टार्टअप
अगर आपके पास कोई बेहतर व यूनिक आयडिया या विचार है तो उसे सबसे पहले डीपीआईआईटी में ऑनलाइन रजिस्टर कराना होगा। आपका आयडिया किसी उत्पाद या सेवा या किसी तकनीक पर आधारित हो सकता है। अपने-अपने विचार या आयडिया को परिपक्व और वास्तविक रूप से धरातल पर उतारने के लिए किसी मेंटर के सहारे सहयोग प्राप्त कर सकते है। यह बात स्टार्टअप सत्र को फिक्की फ्लो की अध्यक्षा जयंती डालमिया लीड एंजेल्स के डायरेक्टर ध्रुवनाथ, युरनेस्ट के प्रबंध संचालक सुनील गोयल और अप्पोनिटी के फाउंडर निमेष सिंह ने कॉन्क्लेव 2022 के दौरान आयोजित सत्र में कही।
तीन तरह से हो सकती है वित्त व्यवस्था
कॉन्क्लेव के दौरान दोपहर 1 बजे से फंडिंग-सत्र आयोजित हुआ। इस सत्र में स्टार्टअप और संभावित उद्यमी टियर-I और टियर-II शहरों में फंडिंग के विभिन्न तरीकों के बारे में फिक्की स्टार्टअप समिति के चेयरमेन और एचसीएल के अजय चौधरी, श्रीराम लाइफ इन्सोरेंस के प्रबंध संचालक मनोज कुमार जैन, आईएएन फंड के पार्टनर जयदीप एस मेहता, एम 1 एक्सचेंज के सीईओ संदीप मोहिन्द्रू और डलास वेंचर कैपिटल के किरण चंद्र कल्लूरी ने वित्त या फंडिंग की व्यवस्था को लेकर संवाद किया। स्टार्टअप के लिए वित्त या फंड की व्यवस्था तीन तरीके से की जा सकती है। एक- बैंक के माध्यम से दूसरा- स्वयं के अलावा वेंचर कैपिटल और तीसरा- इन्वेस्टर के सहयोग से स्टार्टअप शुरू कर सकते है। वेंचर कैपिटल में शासन का फंड ऐसे कार्यो में सहयोगी हो सकता है। इसमें कम से कम ब्याज पर वित्त सहायता प्राप्त हो सकती है।
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पिचिंग सत्र में स्टार्टअप निर्माताओं ने बताए योजना के स्वरूप और भूमिका
कॉन्क्लेव के दौरान पिचिंग-सत्र में स्टार्टअप निवेशकों के साथ सहयोग के अवसर के लिए सत्र आयोजित हुआ। इसमे फंडिंग के लिए अपने आइडिया रखें गए। यहां एआई ट्रिलियन ने पिचिंग सत्र में उनके उत्पाद और उनकी बिजनेस डील के बारे में बताकर इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया। इनवेच्ड ने कृषि आधारित यंत्रों के बारे में पिचिंग की। इसमें क्रॉप प्लानिंग प्लेटफार्म और यंत्रों से जैविक उत्पाद के बारे में बताया। इसी सत्र में कटिंग ऐज स्टार्टअप निर्माता ने मेडिकल इंट्रुमेंट के बारे में पिचिंग की। जिसमें पब्लिक हेल्थ केअर से जुड़े उत्पादों के बारे में इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया। इस सत्र में 10 से ज्यादा स्टार्टअप निर्माताओं ने पिंचिंग की।
राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं का रहा सहयोग
एफआईसीसीआई, पीएचडीसीसीआई, डीआईसीसीआई एवं टीआईई, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग, भारत सरकार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, इन्स्टिट्यूटस इनोवेशन कॉउन्सिल शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार आदि राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं का आयोजन में सहयोग रहा।