इंदौर, राजेश राठौर। बसपा सुप्रीमो मायावती(BSP Supremo Mayawati) के खास कहे जाने वाले सतीशचंद्र मिश्र(Satishchandra Mishra) अब जल्द ही हाथी से उतर कर हाथ पकड़ेंगे। मिश्र कांग्रेस का दामन थामेंगे। एक-दो दिन में ही उनकी घोषणा हो जाएगी। सतीश मिश्र के बारे में कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में ही नहीं बसपा की प्लानिंग में उनका बड़ा योगदान रहा है। लंबे समय से वे खामोश है, और अब उनकी खामोशी कांग्रेस में प्रवेश के साथ ही टूटेगी।
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सतीश मिश्र को प्रियंका गांधी कांग्रेस में ला रही है। इसका असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ेगा। ग्वालियर चंबल संभाग में बसपा का जो वजूद बना था। उसमें बड़ा हाथ सतीश शर्मा का था। प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनाव में सतीश मिश्र की उपयोगिता के आधार पर चुनावी रणनीति भाजपा की प्रभावित हो सकती है। ज्योति सिंधिया के इलाके में लगातार घुसपैठ करने के लिए कुछ न कुछ कर रही हैं।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मिश्र से गहरे रिश्ते हैं। मिश्र ने बसपा के उम्मीदवार तय करने में भूमिका निभाई है।ग्वालियर चंबल इलाके में अपना वजूद कांग्रेस बढ़ाना चाहती है। व पिछले विधानसभा चुनाव में इसी इलाके से कांग्रेस को बड़त मिली थी। सिंधिया के भाजपा में जाने से कांग्रेस को नुकसान हुआ है इस नुकसान की भरपाई भी सतीश मिश्र कर सकते हैं।