इंदौर(Indore) : मानवता के लिए मृत्यु उपरांत अपना शरीर दान करना इंसान के लिए सब से बड़ा पुण्य का काम है। यही पुण्य का कार्य किया है अर्चना राहतेकर ने जो इंदौर शहर के 143, कृष्ण विहार छोटा बांगड़दा की निवासी है. अर्चना राहतेकर जी, ने अपनी देहदान का संकल्प लिया था कि उनकी मृत्यु के पश्चात उनका देहदान किया जाए। 60 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हुई। मृत्यु उपरांत उनके देवर विलास राहतेकर जी, ने दघीची देहदान समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर व्यास जी से संपर्क किया ।
नंदकिशोर जी के द्वारा यह सूचना इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में देहदान अधिकारी तुलसीराम जाटव को दी l उसके पश्चात तुलसीराम जाटव ने एडिशनल डायरेक्टर आर.सी. यादव जी से संपर्क किया. तत्पश्चात आर.सी. यादव जी ने तत्काल प्रशासनिक निर्देशित कर इंडेक्स देहदान अधिकारी तुलसीराम जाटव जी को निर्देशित किया. उन्होंने तत्काल एंबुलेंस से स्वयं जाकर देहदान की प्रक्रिया पूर्ण करवाई l देहदान से निश्चित रूप से चिकित्सा जगत में विद्यार्थियों को मानव शरीर को जानने समझने का ज्ञान प्राप्त होता है।
इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जी एस पटेल एडिशनल डायरेक्टर आर.सी. यादव और नितिन गोठवाल जी ने राहतेकर परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए आभार व्यक्त किया। चिकित्सा जगत दिवंगत आत्मा का जीवनभर आभारी रहेगा। एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. विमल मोदी जी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
Source : PR