Indore News : यह एक पुराना फोटो है इंदौर (Indore) शहर के बदहाल ट्रैफिक (Traffic) का लेकिन लगता नहीं है कि आज भी कुछ बदला है। कब बदलेंगे हालात, सालों से प्रशासन, संस्थाओं, मीडिया आदि द्वारा नागरिकों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हम नहीं सुधर रहे हैं, कब बदलेगा हमारा निजी स्वार्थ के लिए नियमों को खिलौना बनाने का स्वभाव, कैसे आएगा बदलाव क्या सजा ही एकमात्र उपाय बचा है, क्या बगैर भय के माहौल के हम अपने ही देश के कानून और नियमों का मखौल हमेशा उड़ाते रहेंगे

सच्चे देशभक्त बनिये, अपने देश के कानून और नियमों का पालन कीजिये, अंग्रेजों का राज 75 वर्ष पहले चला गया था, गया वो समय जब कानून तोड़ना मतलब आजादी की लड़ाई लड़ना होता था, अब हम गुलाम नहीं है तो क्यों अब भी हम कानून तोड़ते है, अब हम सब हमारे अपने स्वतंत्र देश के नागरिक हैं, हमारी अपनी चुनी हुई सरकार है और उसी सरकार के बनाये हुए कानून कायदे है जो सड़कों पर हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए है, उनके पालन में कैसी शर्म, कैसी झिझक?
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अपने ही राष्ट्र के कानून या नियम तोड़कर आप गर्व या शान कैसे महसूस कर सकते है, वस्तुतः अपने ही देश के नियम तोड़ने पर आपको शर्मिंदगी होनी चाहिए ।