Indore: नगर निगम चुनाव के दौरान भाजपा चुनाव संचालन समिति की एक बार भी बैठक नहीं हुई, हालांकि कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) रोज पार्टी दफ्तर जाकर बैठते थे। इस कारण बाकी नेताओं ने दूरी बना ली। पार्टी के उम्मीदवारों के फॉर्म भरने के दिन से ही दो गुट अलग अलग हो गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) फार्म भरवाने आए थे, लेकिन वह आधे रास्ते से निकल गए थे। उसके बाद जीप पर मेयर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव के साथ कैलाश विजयवर्गीय, आकाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला और जीतू जिराती ही थे। बाकी विधायक दूसरे वाहनों से कलेक्ट्रेट पहुंचे। उसी दिन से बात समझ में आ रही थी कि चुनाव में दो गुट हो गए हैं। चुनाव के लिए बनी संचालन समिति के संयोजक मधु वर्मा अपने भाई बलराम वर्मा का टिकट कटने से नाराज हो गए थे। सह संयोजक रमेश मेंदोला दो नंबर विधानसभा से बाहर नहीं निकले। उसके अलावा सुदर्शन गुप्ता, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, जीतू जिराती, मनोज पटेल भी अपनी-अपनी विधानसभा में ही रहे।
तुलसी सिलावट ने अपनी विधानसभा के अलावा विधानसभा चार के एकमात्र वार्ड जैन कॉलोनी मैं अपने समर्थक के लिए प्रचार किया। वहां पर सिलावट, केंद्रीय मंत्री ज्योति सिंधिया को लेकर भी पहुंचे थे। कहने को तो दीनदयाल भवन में मुख्य चुनाव कार्यालय मेयर प्रत्याशी का बना था, लेकिन मेयर प्रत्याशी भार्गव ने स्कीम नंबर 71 के मोहन विला गार्डन में निजी दफ्तर बना लिया था। जिसकी जवाबदारी पूर्व पार्षद भरत पारीख और अपने मित्रों को दी थी। वहां पर प्रचार सामग्री बाटी जा रही थी। अलग-अलग समाजों की बैठक लेने से लेकर लोगों से मेल मिलाप का दौर भार्गव के निजी दफ्तर के माध्यम से चल रहा था। भार्गव के निजी दफ्तर में सभी नेताओं के फोटो लगे थे, लेकिन विधायक मालिनी गौड़ का फोटो नहीं था। इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई गई।
कहा जा रहा है कि भार्गव के निजी दफ्तर से सारी रणनीति बन रही थी। चुनाव संचालन समिति की कोई बैठक नहीं करने को लेकर किसी नेता ने आवाज तक नहीं उठाई। कोर कमेटी की बैठक नहीं बुलाई गई। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाकर बात नहीं की गई। दरअसल टिकट वितरण के मामले में सभी विधायकों ने अपनी पसंद के टिकट दिलवाए। उसके बाद से पार्टी छिन्न-भिन्न हो गई थी। संगठन मंत्री अब कोई नहीं होने से कोई भी नेताओं को एक जाजम पर नहीं बिठा पाया। इसी कारण भाजपा प्रचार में इतना जोर नहीं पकड़ पाई। जितना करना था, उतना प्रचार नही हो पाया। इसके अलावा मतदान ज्यादा हो इसको लेकर भी पार्टी ने कुछ नहीं किया। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे अलग-थलग पड़ गए थे। महिला मोर्चा की अध्यक्ष शैलजा मिश्रा और युवा मोर्चा अध्यक्ष सौगात मिश्रा सहित सभी मोर्चा की टीम ने कहीं कोई काम नहीं किया। व्यक्तिगत तौर पर जरूर अपने समर्थकों का प्रचार कुछ वार्डों में किया। यह पूरा मामला प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा तक पहुंच चुका है। हालांकि ये नेता भी दूसरे शहरों के नगर निगम चुनाव में व्यस्त हैं, इसलिए अभी कुछ नहीं कह रहे हैं। पहली बार इंदौर में ऐसा हुआ कि मतदान होने के बाद अभी तक पार्टी की कोई बैठक नहीं हुई। भाजपा दफ्तर में भी कार्यकर्ताओं की आवाजाही फिलहाल बंद सी हो गई है।