Indore News: बिजली बिल राहत योजना के प्रमाण-पत्र हुए वितरित, 6400 करोड़ के बिल किए गए माफ

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इंदौर। मप्र के गृह और इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गरीबों को संबल देना ही प्रदेश सरकार का मूलमंत्र है। मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान को गरीब, निम्न व मध्यमवर्ग की सबसे ज्यादा चिंता है। इसीलिए मुख्यमंत्री ने कोरोनाकाल के दौरान के एक किलोवाट के 6400 करोड़ के बिल माफ किए है। गृह मंत्री गुरूवार को इंदौर के रवींद्रनाट्यगृह में बिजली बिल राहत योजना के माफी प्रमाण-पत्रों के वितरण समारोह में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि बिजली बिलों के माफ करने व किसानों की मदद के लिए सरकार ने जो काम किया है, वह पहले कभी नहीं हुआ है। सरकार ने बिजली के मामलों समेत अन्य सभी क्षेत्र में मदद कर जन जन का कल्याण करने का सेवाभावी प्रयास किया है। आयोजन में पूर्वमंत्री व इंदौर 5 के विधायक महेंद्र हार्डिया, गौरव रणदीवे, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा आदि ने भी संबोधित किया।

आयोजन में इंदौर क्षेत्र क्र. 2 के विधायक रमेश मैंदोला, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा, जिपं की पूर्व अध्यक्ष कविता पाटीदार, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर, कलेक्टर मनीष सिंह ,पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा, अपर कमिश्नर मनीष कपूरिया, एडीएम अजय देव शर्मा, मुख्य अभियंता इंदौर पुनीत दुबे, अधीक्षण यंत्री इंदौर शहर मनोज शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बिजली राहत योजना के बारे में कटनी जिले से विशेष प्रसारण देखा गया। आयोजन में इंदौर जिले के करीब 700 बिजली उपभोक्ताओं को बिल राहत प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री द्वारा लागू इस योजना के तहत इंदौर के कुछ उपभोक्ताओं को एक लाख रूपए तक की राहत मिली है, इन उपभोक्ताओं में अपार खुशी देखी गई। राहत योजना की प्रस्तावना इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डीएन शर्मा ने प्रस्तुत की। संचालन इंजाीनियर जीके वैष्णव ने किया।

आज से प्रमाण-पत्र वितरण शिविर

मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि 8 से 10 अप्रैल तक राहत राशि के प्रमाण-पत्र के शिविरों में वितरित करने का अभियान युद्ध स्तर पर सभी 15 जिलों में चलेगा। इंदौर जिले में लगभग 160 शिविर लगेंगे, ये शिविर जोन, वितरण केंद्रों के अधीन आयोजित होंगे। कंपनी स्तर पर तीन दिनों में 937 शिविर लगेंगे। 10 अप्रैल के बीच कुल 23 लाख उपभोक्ताओं को 989 करोड़ के राहत प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे।