इंदौर 07 सितम्बर, 2021
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में 11 सितम्बर को नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई है। इस लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिये छ: खंडपीठों का गठन किया गया है। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति के आदेशानुसार एवं इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री सुजय पॉल के निर्देशन में हो रही है।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 6 खंडपीठों का गठन किया गया है। खंडपीठ क्रमांक-01 में न्यायाधिपति श्री सुजय पॉल तथा एडवोकेट श्री अमित एस. अग्रवाल, खंडपीठ क्रमांक-02 में न्यायाधिपति श्री रोहित आर्य तथा एडवोकेट श्री उमेश गजांकुश, खंडपीठ क्रमांक-03 में न्यायाधिपति श्री विवेक रूसिया तथा एडवोकेट श्री ऋतुराज भटनागर, खंडपीठ क्रमांक-04 में न्यायाधिपति श्री सुबोध अभ्यंकर तथा एडवोकेट मिस मिनी रविन्द्रन, खंडपीठ क्रमांक-05 में न्यायाधिपति श्री शैलेन्द्र शुक्ला तथा एडवोकेट श्री विवेक पटवा और खंडपीठ क्रमांक-06 में न्यायाधिपति श्री अनिल वर्मा तथा एडवोकेट श्री रोमेश दवे रहेंगे।
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इंदौर खंडपीठ के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार एवं सचिव श्री उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति श्री बी.के. द्विवेदी ने बताया कि उपरोक्त नेशनल लोक अदालत में शमनीय आपराधिक न्यायालय विधिक सेवा प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, मनी रिकवरी संबंधी मामले. एम. ए. सी. टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, विद्युत एवं जल कर बिल संबंधी प्रकरण (अशमनीय मामलों को छोड़कर), सेवा मामलें जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व प्रकरण, दीवानी मामले तथा अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया जायेगा। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने पर शासन द्वारा अदा की गई कोर्ट फीस वापसी का भी प्रावधान है ।
समस्त पक्षकारों एवं अधिवक्तागणों से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्तानुसार उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकृत कराने हेतु मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार, ज्वाईट रजिस्ट्रार (एम), संबंधित सेक्शन एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर से संपर्क कर नेशनल लोक अदालत में अपने मामले का निराकरण करा सकते हैं।