इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत मांगने वाले दो सिपाहियों सहित एक पटवारी निलंबित

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लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर भाग निकले एमआइजी थाना के सिपाही निरेंद्र दांगी ओर श्याम जाट के साथ ही वहां के एसआइ राम शाक्य को भी निलंबित कर दिया गया है। रिश्वतखोर सिपाही लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर भाग गए लेकिन सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। लोकायुक्त पुलिस ने आज दोनों सिपाहियों को तलब किया है। इस मामले में टीआइ अजय वर्मा और एसआइ राम शाक्य व पीएस टैगोर भी जांच की जद में आ गए थे, इन पर सिपाहियों को रिश्वत लेने के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने भी उनके खिलाफ जांच बैठा दी है।

बता दे  विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इंदौर की ट्रेप कार्रवाई 2 प्रकरण का निवारण किया गया जिसमे एक श्रीमती टीना टेटवाल पति कपिल टेटवाल,निवासी इंदौर द्वारा थाना एम् आई जी के स्टाफ के खिलाफ शिकायत की गई थी की उनके पति को जो कि अपने दोस्तों की ऑटोडील की दुकान में काम करते हैं, थाना एम आई ज़ी इंदौर का स्टाफ़ 25.7.22 के सुबह चार बजे थाने उठा लाये और छोड़ने के ऐवज में एक लाख रुपये की माँग कर रहे थे. घटना की सत्यता जांचने के लिए पोलिस ने साथ मिल कर, थाना स्टाफ के खिलाफ ट्रेप गठन किया जिसमे पीड़िता द्वारा आरोपियों से बातचीत की दौरान आरोपीगण द्वारा चालीस हजार में लेनदेन तय हुआ और पहली किस्त के रूप में 15000 हजार रुपये देकर पति को छोड़ने तथा शेष राशि बाद में देने का भी तय हुआ ।जिस पर ट्रैप दल का गठन किया गया । दिनांक 26.7.22 की शाम को आवेदिका द्वारा आरक्षक श्याम जाट को उनके मोबाइल पर कॉल किया गया ,जब उसने कॉल नहीं उठाया तो आवेदिका उसे देखने थाने के अंदर गयीं तो श्याम जाट ने उसे बाहर रुकने का बोला फिर बाहर आकर उसे बाइक में उसके पीछे आने का बोला और थाने से दूर एकांत रहवासी इलाक़े में ले जाकर रिश्वत राशि अपनी बाइक के बैग में रखवा ली ।लोकायुक्त टीम भी वही गोपनीयता की दृष्टि से सुरक्षित दूरी पर खड़ी थी ।उक्त घटना वहाँ लगे सीसीटीवी केमरे में भी क़ैद हो गयी ।आरोपियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 एव भादवि की धारा 120बी के तहत कार्यवाही की गयी है।

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वही दूसरे मामले में शिकायतकर्ता धर्मेंद्र सिंह, जो की एक किसान है ग्राम अरण्या , तहसील हातोद, जिला इंदौर केरहवासी है धर्मेंद्र द्वारा द्वारा अपनी माता जी के नाम से ग्राम अरण्या में 0.506 आरे कृषि भूमि खरीदी थी, जिसके नामांतरण हेतु फरवरी 2022 में तहसीलदार हातोद के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसपर तहसीलदार ने दीपक मिश्रा नामक पटवारी को मौका निरीक्षण कर पटवारी रिपोर्ट देने के लिए निर्देश दिए थे। धर्मेंद्र ने अपने वकील के माध्यम से सभी जरूरी दस्तावेज एवं निर्धारित शुल्क जमा करवा दिया गया था। लेकिन आरोपी पटवारी दने आपत्ति प्रतिवेदन लगा दिया यह और आवेदक धर्मेंद्र के पता करने पर उससे रिश्वत राशि रुपये दस हज़ार की मांग की गई तथा आवेदक से तत्काल ही दो हज़ार रुपये ले लिए ,आवेदक धर्मेद्र के पुरे मामले के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में की गई शिकायत को प्राथमिक सत्यापन उपरांत सही पाए जाने पर आज आरोपी पटवारी को शेषराशि रुपए 8000 लेते हुए टीम द्वारा ट्रैप किया गया आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत कार्यवाही जारी है।