Indore: स्वर्णबाग कॉलोनी में बदला लेने की आग में जिस सिरफिरे आशिक की वजह से 7 लोगों की जान चली गई वो हैकिंग का मास्टर निकला है. पूछताछ के दौरान उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस को जानकारी देते हुए उसने बताया कि वह एटीएम और नेट बैंकिंग ठगी जैसे काम करता है. शनिवार देर रात उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती किया गया. रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसे विजय नगर थाने पर पूछताछ के लिए लाया गया.
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया था और ऑनलाइन ऐप के जरिए दोस्तों से संपर्क में बना हुआ था और उसी से गर्लफ्रेंड को परेशान कर रहा था. 18 घंटे में पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रैस कर उसे खोज लिया. संजय दीक्षित ने बताया कि झांसी में अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद कुछ साल बाद दिल्ली में रहा और ठगी की वारदात के आरोप में जेल होकर भी आया. 8 महीने पहले ही इंदौर आया था और स्वर्ण बाग कॉलोनी में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था. आरोपी के पिता रेलवे में इंजीनियर है, लेकिन उसकी हरकतों के कारण उसे घर से निकाल दिया है.
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घटना शुरुआत से ही संदिग्ध लग रही थी, जिसके चलते पुलिस ने इलाके में लगे 5 सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर जप्त कर जांच शुरू की. उसके बाद यह सामने आया कि एक व्यक्ति बिल्डिंग में खड़ी एक्टिवा में आग लगा रहा है. यह सोचने का विषय था कि आग लगाने के लिए एक्टिवा को ही क्यों निशाना बनाया गया जबकि वहां अन्य गाड़ियां भी खड़ी हुई थी. सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद एक्टिवा का नंबर निकाला गया जो साक्षी उर्फ सना के नाम की थी. सना भी इस हादसे में घायल हुई है और उसके अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है.
पूछताछ में सना ने पुलिस को बताया कि 8 महीने पहले संजय यहां रहने आया था. वह किसी भी लड़की के पीछे पड़ जाता था इस वजह से उसने संजय से दोस्ती तोड़ दी थी. संजय की एक गर्लफ्रेंड को सना ने उसकी सच्चाई बता दी थी जिसके चलते संजय ने उसे धमकी दी थी और दोनों के बीच कई बार झगड़े भी हुए. जिसकी जानकारी बिल्डिंग सहित आसपास के रहवासियों को भी थी. आईटी में माहिर होने के चलते संजय फर्जी आईडी बनाकर सना के दोस्तों को खासकर युवकों को सना के नाम से गलत मैसेज भेजा करता था. सना ने यह भी बताया कि संजय ने उसे मारने की धमकी भी दी थी.
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आरोपी ने 28 अप्रैल से ही अपना फोन बंद कर दिया था और ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए सना को परेशान कर रहा था. घटना को अंजाम देने के बाद वह भागने की फिराक में था. पुलिस ने सना के मोबाइल से संजय का फोन नंबर लेकर उसकी लोकेशन तलाशने की कोशिश की लेकिन ट्रैस नहीं कर पाई. इसके बाद एप्लीकेशन से किए जाने वाले फोन की लोकेशन को ट्रैस कर आरोपी को देवास नाका के नजदीक से गिरफ्तार किया.
पुलिस को इस बात की जानकारी भी लगी है कि आरोपी संजय ने अलग अलग नाम से कई आधार कार्ड बनवा रखे हैं. जिनका उपयोग व ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए करता है. पुलिस इस मामले में अभी भी जांच करने में जुटी हुई है.