माँ अहिल्या की पावन नगरी इंदौर (Indore) एक धार्मिकता और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण शहर है। यहां के निवासियों में ईश्वर के प्रति आस्था स्वाभाविक रूप से समाहित है। शहर में कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जहां शहर के साथ ही देश विदेश से भी श्रद्धालु गण दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन देवस्थान है इंदौर के पंचकुइया क्षेत्र में स्थित सिद्ध ‘वीर आलीजा हनुमान मंदिर’, जोकि शहर की धार्मिक जनता का प्रमुख आस्था का केंद्र है।
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700 वर्षों से भी प्राचीन है ‘वीर आलीजा हनुमान मंदिर’
‘वीर आलीजा हनुमान मंदिर’ इंदौर शहर का एक अत्यंत प्राचीन देवस्थान है। कई पीढ़ियों से मंदिर के भक्त प.नितेश पांडे ने बताया की इस सिद्ध मंदिर की स्थापना इंदौर में होल्कर रियासत के उदय के पहले लगभग 700 वर्ष पूर्व की है। मंदिर में उसी समय की स्थापित रामभक्त श्री हनुमान जी की पाषाण प्रतिमा है जिन्हें ‘वीर आलीजा हनुमान’ के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही मंदिर परिसर में भगवान बद्रीविशाल, भगवान भोलेनाथ और न्याय के देवता शनि भगवान का भी मंदिर है, जिनका निर्माण कालांतर में सम्पन्न हुआ है। इसके साथ ही मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंआ और एक अखाडा भी है।
सिद्ध संतों की रह चुकी है तपस्थली
इंदौर के पंचकुइया क्षेत्र में स्थित है सिद्ध ‘वीर आलीजा हनुमान मंदिर’ स्थान पुरातन समय से सिद्ध संत और महात्माओं की तपस्थली रहा है। विश्वप्रसिद्ध ब्रह्मलीन संत श्री प्रभुवानंद गिरि ब्रह्मचारी जी के द्वारा भी इसी पावन स्थान पर भगवान रामभक्त हनुमान जी की आराधना और तपस्या की गई थी, देश और विदेश में महाराज जी के अनगिनत शिष्य और भक्त हैं। वर्तमान में श्री प्रभुवानंद गिरि ब्रह्मचारी जी के शिष्य श्री पवनानन्द बाल ब्रह्मचारी यहां के महंत हैं।