देश में लगातार फर्जी मामलों में बढ़ोतरी हो रही हैं। ऐसे मध्यप्रदेस में नकली महिला SDM बनकार रौब झाड़ना और लोगो को धमकाना उसे महंगा पड़ गया। इंदौर के दुकानदार की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने फर्जी एसडीएम को धर दबोचा। महिला अधिकारी रेडीमेड गारमेंट्स खरीदने के बाद दुकानदार को रुपए नहीं देती थी। दुकानदार के रुपये मांगने पर जेल में बंद करवाने तक की धमकी देती।
शातिर महिला के झांसे में बेरोजगार युवक भी आ चुके हैं। बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी अधिकारी लाखों रुपए ठग चुकी है। फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर पर कपड़ा व्यापारियों को भी ठगने का आरोप है।
ये बताया इंदौर डीसीपी ने
दुकानदार ने महिला अधिकारी की शिकायत क्राइम ब्रांच में की थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने नीलम पाराशर को पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिश अग्रवाल ने बताया कि महिला से पूछताछ की जा रही है। वारदात को अंजाम देने में पति की भी संलिप्तता का शक है। क्राइम ब्रांच ने फर्जी एसडीएम को महिला थाने के हवाले कर दिया है। पूछताछ के बाद और भी खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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फर्जी SDM असली अधिकारी का लेती थी नाम
पुलिस का कहना है कि, नीलम पाराशर नामक एक अन्य अधिकारी इंदौर के पास गौतमपुरा में एसडीएम रह चुकी हैं और असली एडीएम का नाम भी नीलम पाराशर था। इसी कारण ठग महिला ने असली एसडीएम के नाम का इस्तेमाल कर ठगी की शुरुआत की और कई लोगों को चूना लगाया।
फर्जी एसडीएम के पास महिला एवं बाल विकास विभाग का लेटर मिला है। फर्जी लेटर के आधार पर नौकरी दिलाने की बात भी सामने आई है। कहा ये भी जा रहा है कि, बेरोजगार युवकों को ठगने के लिए महिला फर्जी दस्तावेज का सहारा लेती थी। नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी एसडीएम कई लोगों से लाखों की धोखाधड़ी कर चुकी है।