Indore : प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर 3 दिवसीय निःशुल्क शिविर का आयोजन, डॉ. रवि भाटिया ने बताया अपना अनुभव

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इंदौर(Indore) : एडवांस आयुष वेलनेस सेंटर और एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क मिट्टी चिकित्सा (मड बाथ) शिविर का समापन रविवार को हुआ। इस अवसर पर समापन समारोह आयोजित किया गया। वहीं शिविर के अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोगों ने मिट्टी चिकित्सा का लाभ लिया। ग्रेटर ब्रजेश्वरी, स्कीम-140 के सामने पिपल्याहाना स्थित नेचुरोपैथी हॉस्पिटल पर शिविर का समापन समारोह सुबह 9 बजे से प्रारंभ हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश हिंदी साहित समिति के निदेशक डॉ. विकास दवे, जानेमाने समाजसेवक भरत मोदी एवं कुसुम मोदी, आईआईटी कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. रामविलास पचोरी थे। अध्यक्षता वैज्ञानिक सलाहाकर बोर्ड, केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं सेंटर के संचालक व सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने की। शुरुआत में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया।

कार्यक्रम को कुसुम मोदी ने संबोधित करते हुए सेंटर पर प्राकृतिक चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था को लेकर संचालक डॉ. द्विवेदी को बधाई दी। इसके बाद भरत मोदी ने कहा कि डॉ. द्विवेदी द्वारा आज चिकित्सा के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। मेरा बस यही कहना है कि आप ऐसे ही सबका अच्छा उपचार करते रहे। डॉ. पचोरी ने संबोधित करते हुए कहा कि संसार में सबसे पहला सुख है निरोगी काया और दूसरा सुख है हाथ में माया।

उन्होंने तीन युग के जिक्र करते हुए कहा कि त्रेता युग में अच्छे व बुरे लोगों में समुद्र जीतनी दूरी होती थी तभी तो प्रभु श्रीराम जैसे अच्छे लोग अयोध्या में रहते थे और रावण जैसे लोग लंका में। वहीं द्वापर युग आया तो अच्छे व बुरे लोग एक परिवार में आ गए और कलियुग में अच्छा व बुरा एक ही व्यक्ति में आ गया। आज के समय में इंजीनियरिंग भी जुड़ गया है। अब रिसर्च किए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग की सहायता से हम साइंटिफिकली कई बाते पता कर सकते हैं।

डॉ. विकास दवे ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में बहुत कम देखने में आता है कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में युवा जुड़ा हो लेकिन यहां आया तो देखा की मिट्टी चिकित्सा जैसी पारंपरिक प्राकृतिक चिकित्सा लेने वाले अधिकांश युवा है। डॉ. दवे ने कहा कि अमेरिका जैसे देश में भी सर्वे हुआ है। भारत व भारत जैसे देश के लोगों व बच्चों में इम्युन सिस्टम बेहतर कैसे हैं। तब अमेरिका ने एक ऐसे देशों के लिए एक शब्द उपयोग किया वो है धरती से जुड़े देश क्योंकि अमेरिका कहता है कि धरती से जुड़े देशों में लोग मिट्टी से खेलते हैं इसलिए उनका इम्युन सिस्सम काफी अच्छा होता है।

डॉ. दवे ने कहा कि यदि किसी बालक को चोट लग जाती है तो वो मरहम-पट्टी कराने नहीं पहले मां के पास जाता है। ऐसे इसलिए क्योंकि उसे मां की गोद में आराम मिलता है। कहते हैं कि मृत्यु के समय मनुष्य को काफी कष्ट होता है तब मनुष्य को जमीन पर यानि धरती मां की गोद में लेटा दिया जाता है। हम भारतवासियों की मिट्टी से अनेक अनुभूतियां जुड़ी है। इसलिए मिट्टी चिकित्सा से उपचार नहीं हो सकता यह भ्रांति को हमें दूर करना होगा और लोगों व खासकर युवा पीढ़ी को प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के फायदे बताने होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. द्विवेदी ने सेंटर द्वारा संचालित गतिविधियों और प्राकृतिक चिकित्सा को लेकर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से किस तरह बेहतर उपचार लोगों को दिया जा रहा है इसके बारे में बताया। कार्यक्रम को केसी जैन, सुरेशचंद्र बजाज ने भी संबोधित किया। नेचुयोरैथी डॉ. जितेंद्र पुरी ने तीन दिवसीय मिट्टी चिकित्सा शिविर के बारे में बताते हुए कहा कि शिविर में तीनों दिन मिट्टी के साथ केसर, चंदन, हल्दी को मिलाकर लेप तैयार किया गया।

साथ ही डॉ. पुरी ने मिट्टी चिकित्सा से होने वाले फायदे बताते हुए कहा कि मड बाथ से थकान, अनिंद्रा, ब्लड प्रेशर, पेट संबंधित समस्याएं, त्वचा की समस्याएं, सिर दर्द, एंजाइटी आदि परेशानी में राहत मिलती है। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत राकेश यादव, दीपक उपाध्याय, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, विनय पांडे आदि ने किया। संचालन डॉ. विवेक शर्मा ने किया। आभार डॉ. जितेंद्र पूरी ने माना।

वरिष्ठ एलोपैथी डॉक्टर रवि भाटिया ने स्वयं कराई प्राकृतिक चिकित्सा और अपने सकाराक्तम अनुभव साझा किए

डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि तीन दिवसीय मड बाथ शिविर में अंतिम दिन 50 अधिक लोगों ने लाभ लिया। इसके अलावा शहर के वरिष्ठ एलोपैथिक डॉ. रवि भाटिया (एमडी, मेडिसीन) ने भी प्राकृतिक चिकित्सा कराई। इसके बाद उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा लेने के बाद शरीर में एक अगल की स्फूर्ति आती है। ऐसा लगता है मानो सालों की थकान दूर हो गई हो।

आईआईटी कॉलेज व एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर साइन करेगा एमओयु

डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर पर की जा रही प्राकृतिक चिकित्सा को देखते हुए आईआईटी कॉलेज इंदौर ने सेंटर के साथ एक एमओयु साइन करने की बात कही है। कार्यक्रम में आए आईआईटी कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. पचोरी ने कहा कि आईआईटी कॉलेज और सेंटर के बीच शीघ्र ही एक एमओयु साइन किया जाएगा और प्राकृतिक चिकित्सा से शरीर पर होने वाले परिणामों का साइंटिफिक (वैज्ञानिक) आधार देखा जाएगा। ताकि प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार लेने के बाद उसके साइंटिफिक (वैज्ञानिक) अधार के साथ सकारत्मक परिणामों को लोगों के बीच तक पहुंचाया जा सके।

Source : PR