गर्मी शुरू होते ही दिल्ली में पानी की समस्या और अधिक चिंताजनक होती जा रही है। एक बार फिर राजधानी के कई इलाकों में लोगों को जल संकट झेलना पड़ सकता है। शुक्रवार को दिल्ली जल बोर्ड ने जानकारी दी कि शहर के 20 से ज्यादा क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसके पीछे मुख्य कारण वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों को जरूरी कच्चे पानी की पर्याप्त आपूर्ति न होना है, जिससे इन प्लांटों में पीने के पानी का उत्पादन घट गया है।
इन दोनों प्लांट्स से जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति होती है, वहां अगले कुछ दिनों में जल संकट गहरा सकता है। चिंता की बात यह है कि जल बोर्ड ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह समस्या कब तक बनी रहेगी और हालात में कब तक सुधार आने की उम्मीद है।

जल संकट पर डीजेबी की चेतावनी और सुझाव
दिल्ली जल बोर्ड ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे पानी का उपयोग सोच-समझकर और केवल आवश्यकता अनुसार करें। पानी की बर्बादी से बचें। यदि किसी क्षेत्र में जल संकट गंभीर हो जाता है, तो लोग 1916 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पानी का टैंकर मंगवा सकते हैं।
जल संकट से 30% तक घटेगा उत्पादन
जानकारी के मुताबिक, वजीराबाद जल शोधन संयंत्र की प्रतिदिन की औसत क्षमता 131 मिलियन गैलन है, जबकि चंद्रावल संयंत्र प्रतिदिन लगभग 94 एमजीडी पानी का शोधन करता है। इन दोनों संयंत्रों में 25 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट के चलते दिल्ली जल बोर्ड का कुल जल उत्पादन भी प्रभावित होगा।
राजधानी के कई इलाकों में पानी की सप्लाई पर असर
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक राजधानी के कई इलाकों में जल संकट बना रह सकता है। जिन क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है, वहां और उनके आस-पास के निवासियों को पानी की आपूर्ति में परेशानी झेलनी पड़ सकती है। आइए जानते हैं उन प्रभावित क्षेत्रों की सूची-
1. दिल्ली कैंटोनमेंट
2. कमला नगर
3. शक्ति नगर
4. पहाड़गंज
5. करोल बाग
6. शक्ति नगर
7. सिविल लाइंस
8. रामलीला ग्राउंड
9. दिल्ली गेट
10. राजघाट
11. WHO
12. हिंदू राव अस्पताल
13.CGO कॉम्प्लेक्स
14. मूलचंद
15. मजनू का टीला
16. डिफेंस कॉलोनी
17. ITO
18. कश्मीरी गेट ISBT
19. जहांगीरपुरी
20. साउथ एक्सटेंशन
21. ग्रेटर कैलाश
पानी की कमी के पीछे क्या है वजह?
दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जल संकट की बड़ी वजह वजीराबाद तालाब में जल स्तर का गिरना है। जहां पहले इसका सामान्य स्तर 674.50 फीट हुआ करता था, वह अब घटकर 668.70 फीट रह गया है। इसी जल स्रोत से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जैसे तीन प्रमुख जल शोधन संयंत्रों को कच्चे पानी की आपूर्ति होती है। मौजूदा हालात में वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट को पर्याप्त कच्चा पानी मिल पाना मुश्किल हो रहा है, जिससे पीने योग्य पानी के उत्पादन में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।