DA Hike : प्रदेश सरकार द्वारा एक बार फिर से कर्मचारियों अधिकारियों को बड़ी राहत दी गई है। दरअसल सार्वजनिक उद्यम अनुभाग की ओर से शासन आदेश जारी किया गया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय रूप से सक्षम सार्वजनिक उद्यमों के कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाएगा।
1 जनवरी 2025 से बढ़ाया गया DA

दरअसल उनके महंगाई भत्ते को 1 जनवरी 2025 से बढ़ाया गया है। ऐसे में कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें छह महीने की एरियर राशि का भी भुगतान किया जाएगा। साथ ही उनके वेतन में भी इजाफा देखा जाएगा।
इन कर्मियों को मिलेगा लाभ
बता दे कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्यमों के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। सिर्फ उन्हीं उपक्रम के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक है और जो बंद नहीं किए जा रहे हैं। जिन उपक्रम की माली हालत खस्ताहाल है या फिर उसे बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्हें बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिलेगा।
इतना बढ़ा DA
सरकार इन उपक्रमों को कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी नहीं देगी। 1 जनवरी 2018 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स वाले कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 55 प्रतिशत बढ़े हुए महंगाई भत्ते के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
1 जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतनमान वाले कर्मचारी, जिन्होंने 2016 की वेतन समिति की सिफारिश को नहीं अपनाया है। उन्हें उनके मूल वेतन का 252 प्रतिशत बढ़े हुए महंगाई भत्ते के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा यानी छटवें वेतन आयोग के कर्मचारियों को 252% उनके मूल वेतन पर महंगाई भत्ते के रूप में मिलने वाला है।
1 जनवरी 1996 से पुनरीक्षित वेतनमान वाले कर्मचारी, जिन्होंने 2008 की सिफारिश को नहीं अपनाया है। उनके लिए भी महंगाई भत्ते की तरह संशोधित की गई है। इसमें दो विकल्प शामिल है।
- अगर 11 सितंबर 2009 के शासन आदेश के अनुसार उनके महंगाई भत्ते को वेतन में समाहित किया जाता था तो उनके वेतन + डीए का 466% उन्हें महंगाई भत्ते के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
- अगर महंगाई भत्ते को वेतन में समाहित नहीं किया जाता है तो उनके मूल वेतन का 516% उन्हें महंगाई भत्ते के रूप में दिया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी सार्वजनिक उद्यमों को स्वयं के संसाधन से ही महंगाई भत्ते का भुगतान करना होगा। इस कदम से जहां आर्थिक रूप से सक्षम उपक्रमों के कर्मचारियों को राहत मिलेगी। वहीं राजकोष पर भी अनावश्यक बोझ नहीं बढ़ेगा।