इंदौर का सहकारिता विभाग रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि मात्र 2 महीने की अवधि में यहां पर दो इंस्पेक्टर रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हाथों रंगे हाथ गिरफ्तार हो चुके है ।
इससे जाहिर होता है कि इंदौर कि सहकारिता विभाग में अधिकारियों का और इंस्पेक्टरों का एक ऐसा माफिया बन चुका है जिसकी सांठगांठ सीधे-सीधे कॉलोनाइजरों से है और यही वजह है कि इंदौर में करोड़ों रुपए का घोटाला आवास क्षेत्र में कॉलोनाइजरों द्वारा किया गया है इंदौर में हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा भरने के बाद भी 20, 25 साल से प्लाट नहीं मिल पा रहे हैं और जब यह लोग सहकारिता विभाग में शिकायत करते हैं तो रिश्वतखोर इंस्पेक्टर कॉलोनाइजर से सांठगांठ करके इनकी शिकायतों को दबा देते हैं और उनसे पैसा वसूल कर लेते हैं ।
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अभी 1 दिन पहले संतोष जोशी नामक इंस्पेक्टर को लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया उसकी सांठगांठ इंदौर के भू माफिया से बताई जाती है और पता चला है कि इसका तबादला भी सहकारिता मंत्री ने कर दिया था लेकिन कोर्ट में जाकर इसने स्टे ले लिया जाहिर है कि इंदौर से कोई भी इस्पेक्टर अपना तबादला नहीं कराना चाहता ।
लेकिन अब सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि सहकारिता विभाग में सालों से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाया जाए ताकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार माफिया राज की समाप्ति हो सके ।










