Supreme Court: SC का बड़ा फैसला, तिरूपति प्रसाद विवाद में अब बनेगी पांच सदस्यीय SIT

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति प्रसादम विवाद की स्वतंत्र जांच के लिए एक नई पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस आदेश के तहत पुरानी राज्य एसआईटी को समाप्त कर दिया गया है। नई एसआईटी में दो सीबीआई अधिकारी, राज्य पुलिस के दो सदस्य, और खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रशासन (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल होगा।

Supreme Court: निष्पक्ष जांच की आवश्यकता

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जानी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल द्वारा पुरानी एसआईटी पर विश्वास व्यक्त किए जाने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने नई टीम गठित करने का निर्णय लिया। जस्टिस गवई ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे नहीं चाहते कि यह मामला राजनीतिक ड्रामा बने।

Supreme Court: सुनवाई में स्थगन

मामले की सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि वे शुक्रवार को केंद्र का जवाब दाखिल करेंगे, जिसके कारण सुनवाई स्थगित की गई है।

पिछली सुनवाई का संदर्भ
Supreme Court: SC का बड़ा फैसला, तिरूपति प्रसाद विवाद में अब बनेगी पांच सदस्यीय SIT

पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा था कि क्या राज्य सरकार की एसआईटी पर्याप्त है या स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए। एसजी ने कहा कि यदि आरोप में सच्चाई है तो वह अस्वीकार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी की निगरानी एक वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता का पक्ष

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह उचित होगा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बयान नहीं दिए गए होते, तो स्थिति अलग होती।

तिरुपति लड्डू विवाद का पृष्ठभूमि

यह विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि राज्य में पिछली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। नायडू के इस बयान ने बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।

Supreme Court की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाए। इस टिप्पणी ने तिरुपति प्रसादम विवाद के प्रति अदालत की गंभीरता को दर्शाया।