शिवराज सरकार का एक वर्ष पूरा, शासकीय स्वास्थ्य सेवा पर भरोसा लौटा

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By Shivani RathorePublished On: March 22, 2021

उज्जैन : वर्तमान सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ी उपलब्धियां जुड़ी हैं। एक ओर जहां कोरोना से लड़ाई में जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा लौटा, बड़ी संख्या में लोग शासकीय माधव नगर अस्पताल एवं चरक भवन में स्थापित किये गये कोरोना अस्पताल के वार्ड में भर्ती होकर स्वस्थ होकर घर लौटे।

जब कोरोना संक्रमण के दौरान प्रायवेट अस्पतालों के दरवाजे बन्द हो गये थे, शासकीय चिकित्सकों के अमले ने वास्तविक कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करते हुए लोगों की जान बचाने में अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। शासकीय अमले पर जो लोग पहले तंज कसा करते थे, वे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना करते थकते नहीं हैं।

कोरोना संक्रमण के बाद के समय में जिला प्रशासन के सहयोग से कोरोना महामारी के प्रबंधन हेतु सिविल हॉस्पिटल माधव नगर में 20 बिस्तरीय आईसीयू का निर्माण ताबड़तौब करवाया गया। इस पर शासन द्वारा एक करोड़ 55 लाख रुपये का व्यय किया गया। यही नहीं सिविल अस्पताल माधव नगर का भी कायाकल्प करने के लिये 56 लाख रुपये व्यय किये गये। कोरोना मरीजों के लिये निर्मित किया गया यह अस्पताल वरदान सिद्ध हुआ और किसी भी निजी अस्पताल से उन्नीसा नहीं है। आज भी इस अस्पताल में पूरी क्षमता के साथ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है और लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौट रहे हैं।

22 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन बने
बीते एक वर्ष में उज्जैन जिले में 10 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत से ग्रामीण क्षेत्र में 22 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण किया गया। प्रत्येक भवन की लागत 49 लाख 14 हजार रुपये है। इस तरह से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार एवं सुविधाओं में वृद्धि की गई है। जिन ग्रामों में स्वास्थ्य केन्द्र निर्मित होकर प्रारम्भ हो चुके हैं, उनमें बड़नगर तहसील के ग्राम सुवास, सिलोदिया, गड़सिंगा, बमनापाती, अजड़ावदा, कुनगरा, असावता, जस्साखेड़ी, महिदपुर तहसील के जेल्याखेड़ी, सगवाली, महुड़ी, कड़ाई, कानाखेड़ी, निपानिया बदर, भीमाखेड़ा, डेलचीखुर्द, हिड़ी, घट्टिया तहसील के ग्राम नवादा, पिंगलेश्वर, खाचरौद तहसील के ग्राम नायन, रोहलकला, सालनाखेड़ी शामिल हैं।

जिले में नियमित योजनाओं में जननी सुरक्षा योजना के तहत शहरी क्षेत्र में एक हजार रुपये एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपये प्रति प्रसूता को सहायता दी जा रही है। इसी तरह प्रसूति सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री श्रमिक प्रसूति सहायता योजना में पात्र हितग्राही को 16 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। जिले में गत वर्ष इस तरह के 130 हितग्राहियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।