कोरोनाकाल में शिवराज कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, प्रदेश में अब निशुल्क होगा कोरोना टेस्ट

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: September 8, 2020
shivraj singh

भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते मध्यप्रदेश शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया। मंगलवार को प्रदेश में सीएम चौहान ने फैसला किया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए अब कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की जांच फ्री में की जाएगी। सीएम चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने यह फैसला किया। बैठक में सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि पूरे प्रदेश में फ्री कोरोना टेस्ट के लिए फीवर क्लीनिक की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही प्रदेश में ऑक्सीजन बेड की संख्या को बढ़ाकर 3700 किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में ऑक्सीजन बेड की संख्या 11700 हो जाएगी। वहीं सरकार ने 700 आईसीयू बेड बढ़ाने का भी फैसला किया है।

मध्यप्रदेश सरकार के फैसलों के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण के लिए अस्पतालों में बेड बढ़ाए जा रहे हैं। जिसके तहत ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ाई जाएगी। साथ ही बैठक में कोरोना संक्रमण के लिए प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया है। जिसके लिए नगरीय और पंचायत विभाग शहर और गांव में प्रचार अभियान चलाएगा।

इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना के तहत केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। कैबिनेट में लिए गए फैसलों के अनुसार प्रदेश में रसोई योजना के तहत केंद्रों की संख्या 56 से बढ़कर 100 की जाएगी। इन केंद्रों में 10 रुपये में पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज-दो के तहत प्रवासी मजदूरों को किराये का मकान मुहैया कराने का फैसला किया है। वही 1 लाख स्ट्रीट वेंडर के खाते में सरकार 10 हजार रुपये की राशि जमा कराएगी। बता दे कि, इस योजना के तहत अभी तक 8 लाख लोगों ने पंजीयन कराया है।

कैबिनेट के अन्य फैसले:
– पात्रता पर्ची वितरण के तहत खाद्यान्न का वितरण 16 सितंबर से होगा।
– 12 सितंबर को पीएम आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री गृह प्रवेश कराएंगे।
– दतिया के खर्रा घाट में सिंचाई परियोजना को भी मिली मंजूरी।
– राज्य सरकार ने 2 विधेयकों- सहकारिता संशोधन अधिनियम और लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम संशोधन को मंजूरी दी. इसके तहत प्रदेश में 7 दिन में आवेदन का निपटारा नहीं होने पर मंजूर होगी सेवा।