Relief For Shah Rukh Khan: वडोदरा स्टेशन भगदड़ मामले में SC ने HC के फैसले का किया सहयोग, शाहरुख खान को मिली राहत,

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By Pallavi SharmaPublished On: September 26, 2022

फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को पांच साल पहले हुई भगदड़ और एक मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिल गई है. साल 2017 में फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान गुजरात के वडोदरा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से एक शख्स की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. इसे लेकर कांग्रेस नेता जितेंद्र सोलंकी ने स्थानीय कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी.जितेंद्र सोलंकी ने वडोदरा की कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि शाहरुख ने फिल्म के नाम वाली टीशर्ट और दूसरी प्रचार सामग्री भीड़ की तरफ उछाली. इसी वजह से हादसा हुआ. वडोदरा कोर्ट से जारी समन को शाहरुख खान ने गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी. इस साल अप्रैल में हाई कोर्ट ने मामला रद्द कर दिया.

ये था पूरा मामला

साल 2017 में शाहरुख खान अपनी फिल्म रईस के प्रमोशन के लिए ट्रेन के ज़रिए मुंबई से दिल्ली के लिए निकले थे. उनकी ट्रेन रास्ते में कई स्टेशनों पर रुकी, जिसमें शाहरुख ने फिल्म का प्रमोशन किया. गुजरात के वडोदरा में भी ट्रेन रुकी और शाहरुख की एक झलक पाने के लिए वहां भीड़ उमड़ पड़ी. देखते ही देखते वहां भगदड़ की स्थिती बन गई, जिसमें फरीद खान नाम के एक शख्स की जान चली गई. उस वक्त कुछ लोग इसमें घायल भी हुए थे. फरीद अपने किसी रिश्तेदार को स्टेशन पर छोड़ने आए थे, लेकिन उनकी मौत हो गई.

पुलिस की लाठीचार्ज से मची भगदड़

स्टेशन पर आए हज़ारों फैंस शाहरुख को देखना चाहते थे. भीड़ काबू से बाहर होने लगी थी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद भगदड़ मच गई और फरीद खान उसकी चपेट में आ गए. बेहोश फरीद खान को पहले स्टेशन पर ही होश में लाने की कोशिश की, लेकिन फरीद खान को होश नहीं आया. फिर जल्दी उन्हें प्लेटफॉर्म से बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अभिनेता अपनी फिल्म का प्रचार आधिकारिक अनुमति लेकर कर रहे थे. वहां भगदड़ मचने के कई कारण रहे. किसी एक व्यक्ति को ज़िम्मेदार ठहरा देना सही नहीं होगा. स्टेशन पर मौजूद रेलवे स्टाफ, पुलिस, यहां तक कि घायल हुए किसी व्यक्ति ने भी उनके खिलाफ शिकायत नहीं की. ये शिकायत एक ऐसे व्यक्ति ने दर्ज करवाई जो वहां मौजूद नहीं था. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जितेंद्र सोलंकी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन जस्टिस अजय रस्तोगी और सी टी रविकुमार ने उनकी अपील खारिज कर दी.