Ram mandir donation 2025: अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, यह पवित्र स्थान तीर्थयात्रियों की पहली पसंद बन चुका है। महाकुंभ के दौरान भी रोजाना लाखों लोग राम मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों ने श्रीराम के लिए दिल खोलकर दान दिया, जिससे चढ़ावे की राशि में भारी बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में राम मंदिर देश के सबसे बड़े धर्म स्थलों में से एक बन चुका है, जहां चढ़ावे की राशि लगातार बढ़ रही है।
चढ़ावे के मामले में राम मंदिर ने बड़ी धार्मिक जगहों को पीछे छोड़ा
राम मंदिर ने अपनी प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों से करीब 15 करोड़ रुपये का दान अर्जित किया। अब यह मंदिर शिरडी, वैष्णो देवी और स्वर्ण मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों को पीछे छोड़ते हुए सालाना चढ़ावे में 700 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। राम मंदिर अब भारत के 10 सबसे बड़े मंदिरों में तीसरे स्थान पर है, जहां श्रद्धालुओं का दान लगातार बढ़ रहा है।
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शिरडी और वैष्णो देवी मंदिर का चढ़ावा
शिरडी का साईं मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर भी दान के मामले में प्रमुख स्थान रखते हैं। शिरडी में सालाना चढ़ावा करीब 400-450 करोड़ रुपये आता है, जबकि वैष्णो देवी मंदिर में भी सालाना दान राशि लगभग 400 करोड़ रुपये है।
राम मंदिर की निर्माण विशेषताएं
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राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हो रहा है, और 2025 तक यह मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। मंदिर में श्रीरामलला का बालरूप स्थापित किया गया है, और यह तीन मंजिला होगा, जिसमें प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे, और इसकी लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी।