नई दिल्ली। लाॅकडाउन के कारण बड़े शहरों से पलायन कर चुके प्रवासी मजदूरों के लिए अब रेलवे ने खजाना खोला है। भारतीय रेलवे अब अपने ड्रीम प्रोजेक्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के लिए मजदूरों को दोबारा बुलवाने पर विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में 40 हजार मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन लाॅकडाउन में हुए पलायन का इसपर खासा असर हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7,000 मजदरों को वापस ले आई है जिससे अब इस प्रोजेक्ट में काम करने वाले मजदूरों की संख्या करीब 22,000 हो गई है। मजदूरों को वापस लाने के लिए बसों और ट्रेनों का इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार से भी रेलवे परामर्श कर रहा है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण अचानक 25 मार्च को लगे लाॅकडाउन लग गया। लाॅकडाउन से पहले एजेंसी के पास 40 हजार मजदूर थे लेकिन फिर मजदूरों के पलायन के कारण केवल 15 हजार मजदूर ही बाकी रह गए।
प्रोजेक्ट में कई काम ऐसे भी है जिन्हें स्थानिय मजदूरों से नहीं करवाया जा सकता। जिसके लिए पुराने मजदूरों को बुलाना जरुरी हो गया है। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एजेंसी ने पूरे कार्यबल की मांग की हैै। बता दें कि कोरोना वायरस का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। रोजाना 20 से 24 हजार के लगभग मामले सामने आ रहे है। वहीं देशभर में अब तक कोरोना मरीजों कि संख्या सात लाख हो गयी है।










