रायपुर को बनाएंगे प्लास्टिक मुक्त, डिप्टी CM साव ने बजाया स्वच्छता का बिगुल, ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का किया शुभारंभ

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर में 'हरित स्वच्छता अभियान' का राज्य स्तरीय उद्घाटन करते हुए प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाने का संकल्प लिया। यह पांच दिवसीय अभियान पर्यावरण संरक्षण और जनजागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में संचालित होगा।

Abhishek Singh
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छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर में ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का राज्य स्तरीय उद्घाटन किया। यह अभियान पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री ने स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान के माध्यम से आमजन को प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा तथा उन्हें इसके उन्मूलन के लिए प्रेरित किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को रायपुर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शपथ भी दिलाई।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आगामी 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार शुरू हुए पांच दिवसीय ‘हरित भारत–स्वच्छ भारत’ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और वर्तमान समय में इसका संरक्षण एक वैश्विक चुनौती बन चुका है। उन्होंने इस अवसर पर यह संकल्प दोहराया कि ‘हरित भारत–स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत रायपुर सहित पूरे प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। साव ने कहा कि राजधानी रायपुर से शुरू होने वाली यह पहल पूरे राज्य में जागरूकता फैलाने का माध्यम बनेगी, और इसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।

उन्होंने जानकारी दी कि भारत विश्व के उन पांच देशों में शामिल है, जहां सबसे अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा समुचित रूप से एकत्र नहीं किया जाता। इससे नदियों का जल प्रदूषित होता है, नालियां जाम हो जाती हैं, मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है और यह प्लास्टिक गलती से जानवरों द्वारा खा लिए जाने पर उनके लिए हानिकारक सिद्ध होता है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस पहल

स्वच्छ भारत अभियान जैसे प्रयासों ने नागरिकों को स्वच्छता बनाए रखने और कचरा प्रबंधन के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया है। भारत सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। सिंगल-यूज प्लास्टिक जैसे स्ट्रॉ, कटलरी और पॉलीथीन बैग पर प्रतिबंध लगाया गया है।

साथ ही, देश के विभिन्न हिस्सों में नवाचार भी हो रहे हैं — पुणे, चेन्नई और इंदौर जैसे शहर पुनर्नवीनीकरण योग्य प्लास्टिक का उपयोग कर सड़क निर्माण कर रहे हैं, जिससे न केवल सड़कें अधिक टिकाऊ बन रही हैं, बल्कि प्लास्टिक कचरे की मात्रा में भी उल्लेखनीय कमी आ रही है।

पॉलिथीन के विकल्प के रूप में कपड़े के थैलों का वितरण

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम स्थल पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कपड़े से निर्मित थैलों के वितरण हेतु स्थापित कियोस्क का उद्घाटन किया। पॉलिथीन के उपयोग को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से डे-एनयूएलएम की साझेदारी और स्व-सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी से तेलीबांधा तालाब परिसर में पाँच फैब्रिक बैग वितरण कियोस्क स्थापित किए गए हैं। इन कियोस्कों में उपस्थित महिलाओं ने उप मुख्यमंत्री एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण-अनुकूल कपड़े के थैले भेंट किए।

स्वच्छता में सहयोग के लिए नागरिकों से भागीदारी की अपील

पांच जून तक चलने वाले “हरित भारत–स्वच्छ भारत” अभियान के तहत ‘आर.आर.आर.’ (रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल) केंद्रों की भी अहम भूमिका रहेगी। उप मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से अपील की कि वे पुराने वस्त्र, पुस्तकें और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान इन केंद्रों में दान कर रायपुर को स्वच्छ एवं हरित शहर बनाने में सक्रिय योगदान दें।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में 2.75 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य

वन मंत्री केदार कश्यप ने अभियान के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मानव सभ्यता में प्रकृति के दोहन नहीं, बल्कि उसके संरक्षण की परंपरा रही है। छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां वन क्षेत्र सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत इस वर्ष 2.75 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पिछले वर्षों की तुलना में प्रदेश के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में जनजागरूकता के ऐसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि स्वच्छ घर से लेकर स्वच्छ वार्ड और फिर स्वच्छ शहर तक की परिकल्पना इन्हीं प्रयासों से साकार होती है।