Hanuman Jayanti: ‘हनुमान जयंती’ के शुभ अवसर पर ‘श्रीमद रामायण’ में दिखेगी बाल हनुमान की शक्ति और भक्ति की ताकत

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By Srashti BisenPublished On: April 23, 2024

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न की दिव्य गाथा, ‘श्रीमद रामायण’ में माता सीता को खोजने के प्रयास तेज़ हो गए हैं, क्योंकि भगवान हनुमान ने अपनी वानर सेना के साथ लंका की ओर कदमताल शुरू कर दिया है। इस सफर के दौरान, वे समुद्र के किनारे पहुंच जाते हैं, और उनकी उम्मीदों का बांध टूटना शुरू हो जाता है, क्योंकि सेना के पास समुद्र पार करने का कोई साधन नहीं है।

तभी जामवंत भगवान हनुमान के सामने पहुंचते हैं और उन्हें उनके जन्म और उन दिव्य शक्तियों का स्मरण कराते हैं, जिनसे उन्हें लंका में माता सीता को खोजने में मदद मिलेगी।

अंजना और केसरी के पुत्र, भगवान हनुमान के पास अद्वितीय शक्तियां थीं, लेकिन इस कारण से वे काफी नटखट और शरारती हो गए। इतना कि एक दिन, अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए, उन्हें एक लाल चमकता हुआ गोला दिखाई देता है, जिसे देख उन्हें लगा कि यह कोई फल है, और उसे खाने के लिए निकल पड़ते हैं। लेकिन वास्तव में वह कोई फल नहीं, बल्कि सूर्य है। चूँकि, अनजाने में ही सही, लेकिन बाल हनुमान ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया, इसलिए भगवान ब्रह्मा ने हनुमान को श्राप दिया।

इस वजह से भगवान हनुमान अपनी सभी शक्तियों को भूल गए, जो उस स्थिति में वापस आ सकती थीं जब कोई उन्हें याद दिलाता और उन्हें राम भक्ति का वरदान देता। बाल हनुमान की भूमिका अब्दुल करीम निभाएंगे, जो बच्चे के रूप में भगवान हनुमान की मासूमियत और शरारतों को खूबसूरती से प्रदर्शित करेंगे।

लिंक: https://www.instagram.com/reel/C57ycRMLPqA/?igsh=eTFlM3RwOXM0azVj

मौजूदा कहानी के बारे में बात करते हुए, भगवान हनुमान का किरदार निभा रहे, निर्भय वाधवा कहते हैं, “शो ‘श्रीमद रामायण’ में, बाल हनुमान की कहानी दिखाया जाना किसी साधारण पल से कही बढ़कर है। यह उनकी दिव्यता की गहन अभिव्यक्ति को दिखाता है और बताता है कि आखिर क्यों वे भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हैं।

इस पवित्र कहानी को जानते हुए, हम उनके बचपन के दिनों को देखेंगे, जहाँ मासूमियत और असीम शक्तियां एकजुट हो जाती हैं। उनके इस सफर में, हम न केवल उनकी असाधारण शक्तियों के त्याग को देखेंगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि वे कैसे इतने विनम्र बने और प्रभु श्री राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति कैसे जन्मी। यह कहानी बड़ी ही खूबसूरती से हमें याद दिलाती है कि वास्तविक धैर्य का जन्म केवल शारीरिक कौशल से नहीं, बल्कि व्यक्ति की आत्मा की पवित्रता से भी होता है।

23 अप्रैल को रात 9:00 बजे शुरू होने वाला श्रीमद रामायण का ‘हनुमान जयंती महासप्ताह’ देखना न भूलें, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर