मामला पदोन्नति में आरक्षण का : अब गेंद केन्द्र सरकार के पाले में

नई दिल्ली: अजा जजा को पदोन्नति में आरक्षण संबंधी मामले में माननीय शीर्ष न्यायालय ने गेंद अब केन्द्र सरकार के पाले में डाल दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने यह कहा है कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के मामले में केन्द्र सरकार ही फैसला करें। हम अपनी तरफ से कोई पैमाना तय नहीं करेंगे।

Must Read : Sara Ali Khan और Vicky Kaushal ने Indore के लोगो का किया शुक्रिया अदा, कहीं ये खास बात

6 बिंदू तय किए

मामला पदोन्नति में आरक्षण का : अब गेंद केन्द्र सरकार के पाले में

माननीय शीर्ष न्यायालय ने केन्द्र सरकार को यह कहा है कि वह पदोन्नति के मामले में फैसला करें बावजूद इसके कोर्ट ने 6 बिन्दुओं को तय किया है। इन बिन्दुओं के आधार पर भी यह देखा जाएगा कि केन्द्र या राज्य सरकारों ने क्या किया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों की सुनवाई अब 24 फरवरी को की जाएगी।

Must Read : गांव-गांव बस्ती-बस्ती शहर-शहर सबको चपेट में लेगा ओमिक्रॉन!

इस पीठ ने की सुनवाई

बता दें कि न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पदोन्नति वाले मामले की सुनवाई की। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले 26 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इन्होंने रखा अपना पक्ष

माननीय शीर्ष न्यायालय के समक्ष जिन वरिष्ठ वकीलों ने पक्ष रखा था उनमें अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ ही  अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह के साथ ही मध्य प्रदेश, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ शामिल थे। वकीलों की बात सुनने के बाद पीठ ने इस मामले को अब केन्द्र सरकार के हवाले कर दिया है।  बता दे कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह सच है कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों को अगड़ी जातियों के स्तर पर नहीं लाया जा सका है।