”NEET-UG पेपर लीक नहीं हुआ”, केंद्र के एफिडेविट पर मल्लिकार्जुन खड़गे हुए नाराज, कहा- यह सफेद झूठ..

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By Ravi GoswamiPublished On: July 6, 2024

NEET-UG घोटाले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामें पर सवाल खड़े किए है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत को बताया कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के सबूत के बिना इसे रद्द करना प्रतिकूल होगा। यह लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकता है।

खड़गे ने कहा, यह सफेद झूठ लाखों युवाओं से बोला जा रहा है। उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि केवल कुछ स्थानों पर अनियमितताएं या धोखाधड़ी हुई है लेकिन यह भ्रामक है।उन्होंने दावा किया कि भाजपा-आरएसएस ने पूरी शिक्षा प्रणाली पर नियंत्रण करके शिक्षा माफिया को बढ़ावा दिया है। खड़गे ने आरोप लगाया, चाहे एनसीईआरटी की किताबें हों या परीक्षाओं में लीकेज, मोदी सरकार हमारी शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने पर तुली हुई है।श्श्

उन्होंने कहा,हम अपनी मांग दोहराते हैं कि नीट-यूजी दोबारा आयोजित की जानी चाहिए। इसे पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन आयोजित किया जाना चाहिए। खड़गे ने यह भी मांग की कि सभी पेपर लीक घोटालों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गहन जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।उन्होंने एक्स पर कहा, मोदी सरकार अपने कुकर्मों से बच नहीं सकती।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने उन याचिकाओं का विरोध करते हुए अलग-अलग हलफनामे दायर किए, जिनमें विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और इसमें शामिल सभी मुद्दों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
अपने जवाब में उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा मोदी सरकार अपने कुकर्मों से बच नहीं सकती। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने उन याचिकाओं का विरोध करते हुए अलग-अलग हलफनामे दायर किए, जिनमें विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और इसमें शामिल सभी मुद्दों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। अपने जवाब में उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है।