21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सेशन, पाकिस्तान सहित इन अहम विषयों पर होगी चर्चा

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

Srashti Bisen
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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को घोषणा की कि संसद का आगामी मानसून सत्र 21 जुलाई से प्रारंभ होगा और यह 12 अगस्त तक चलेगा। लगभग तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद यह सत्र दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए बुलाया जाएगा।

इससे पहले, संसद का बजट सत्र इस वर्ष 31 जनवरी को शुरू हुआ था, लेकिन 4 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिससे वर्ष 2025 का पहला सत्र समाप्त हो गया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर भी होगी चर्चा

मंत्री रिजिजू ने बताया कि इस मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर सत्र अपने आप में विशेष होता है और सरकार चाहती है कि सभी पार्टियां मिलकर काम करें। इसके तहत सरकार ने विपक्ष से संपर्क भी किया है, ताकि संसद में एकजुटता बनी रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों के अनुसार, सभी जरूरी मुद्दों पर इस सत्र के दौरान खुलकर चर्चा होगी।

विशेष सत्र की मांग के बीच ऑपरेशन सिंदूर पर कोई स्पेशल सत्र नहीं होगा

वहीं, विपक्ष लगातार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग करता रहा है। मंगलवार को 16 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मांग को दोहराया था। विपक्ष ने इसके साथ ही सीजफायर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए गए दावों को लेकर भी विशेष सत्र की मांग की। लेकिन सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर पर कोई अलग विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा। मानसून सत्र में ही इस मुद्दे समेत सभी मामलों पर चर्चा होगी।

विपक्ष ने संसद का खास सत्र आयोजित करने की मांग की थी

इसी बीच, इंडिया गठबंधन ने संसद में विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके दौरान विपक्ष के कई नेताओं ने सुरक्षा मामलों और कूटनीति पर सवाल उठाए। दीपेंद्र हुड्डा ने पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणियों को लेकर संसद में चर्चा की मांग की। रामगोपाल यादव और संजय राउत ने भी सरकार से कड़ा सवाल किया कि अगर विदेशी नेताओं के बयान पर युद्ध विराम हो सकता है, तो विपक्ष की मांग पर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जाता।

पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी हो सकती हैं चर्चा

जानकारी के अनुसार, मानसून सत्र में पाकिस्तान को लेकर भी गहन चर्चा हो सकती है। विपक्ष सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछेगा, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में। यह सत्र लगभग 23 दिनों तक चलेगा, जिसमें महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया जाएगा, उनकी समीक्षा होगी, और राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक मुद्दों सहित हाल के राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा होगी।

पूरी की जाएगी महाभियोग की प्रक्रिया

संसद के इस सत्र में न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई भी पूरी होने की संभावना है। प्रस्ताव सत्र के पहले सप्ताह में प्रस्तुत किए जाने की योजना है। सरकार विपक्षी दलों से इस विषय पर संवाद कर रही है। वहीं, विपक्ष ने जस्टिस यादव के महाभियोग प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, सरकार ने बताया कि यह मामला राज्यसभा के सभापति के निर्णयाधीन है और वह इस पर फैसला करेंगे।