Makka Mandi Bhav: मक्के के भाव में तेजी का सिलसिला शुरू हो गया है। पशु आहार उद्योग में मक्के की बढ़ती मांग ने मंडियों में कीमतें 2000-2300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा दी हैं। केंद्र सरकार की MSP और मॉनसून की अनिश्चितता भी भाव बढ़ाने में अहम हैं। किसान उत्साहित हैं, लेकिन व्यापारी सतर्कता बरत रहे हैं। आइए, मक्के के भाव, मांग और भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालें।
पशु आहार ने बदला खेल
पशु आहार उद्योग, खासकर पोल्ट्री और डेयरी, में मक्के की खपत बढ़ी है। मई 2025 में मांग में 10% की वृद्धि दर्ज हुई, जिससे मंडियों में भाव 100-150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़े। मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्टॉक कम होने से व्यापारी बड़ी खरीदारी कर रहे हैं।

MSP और मॉनसून का असर
केंद्र सरकार ने मक्के की MSP 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, जिससे किसानों का रुझान बढ़ा। मॉनसून की अनिश्चितता के कारण स्टॉक की कमी की आशंका है, जिसने भाव को और बल दिया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जून में मक्के की बुवाई 12% बढ़ सकती है। हालांकि, ज्यादा उत्पादन से भविष्य में भाव गिर भी सकते हैं।
मंडियों के ताजा रेट
- इंदौर (मध्य प्रदेश): 2150-2250 रुपये/क्विंटल
- कोटा (राजस्थान): 2100-2200 रुपये/क्विंटल
- लखनऊ (उत्तर प्रदेश): 2000-2100 रुपये/क्विंटल
- पटना (बिहार): 1950-2050 रुपये/क्विंटल
पिछले हफ्ते की तुलना में 50-100 रुपये की तेजी आई। पशु आहार की मांग जून में भाव को 2300-2400 रुपये तक ले जा सकती है।
मांग और आपूर्ति की जंग
पशु आहार के अलावा, स्टार्च और इथेनॉल उद्योग भी मक्के की खपत बढ़ा रहे हैं। मई में निर्यात में 3% की वृद्धि हुई। मॉनसून की बारिश कम होने की आशंका से स्टॉक की कमी हो सकती है। व्यापारी जून के पहले हफ्ते तक बड़ी खरीदारी की योजना बना रहे हैं, जिससे भाव और चढ़ सकते हैं।
किसानों के लिए रणनीति
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि किसान अभी मक्का स्टॉक करें, क्योंकि जून में भाव 2400 रुपये तक पहुंच सकते हैं। छोटे किसानों को स्थानीय मंडियों के रेट रोज चेक करने चाहिए। मॉनसून और वैश्विक मांग पर भी नजर रखें। क्या मक्के की तेजी बरकरार रहेगी? जून का पहला हफ्ता जवाब देगा!