प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी (शनिवार, 31 मई) को भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित महिला महोत्सव महासम्मेलन में शामिल होंगे। यह भव्य आयोजन लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण की थीम को केंद्र में रखते हुए हर पहलू में महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है।
इस सम्मेलन में लगभग दो लाख महिलाओं की उपस्थिति का अनुमान है। आयोजन की योजना और संचालन में भी महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। यह सम्मेलन, पिछले साल हुए ‘महिला ऑपरेशन अनुष्ठान सिन्दूर’ के बाद राज्य में महिला शक्ति को समर्पित सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है।

पीएम मोदी के साथ मंच पर दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच पर कई प्रमुख राजनेता भी मौजूद रहेंगे। इनमें राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, दोनों उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल, और महिला मंत्रिमंडल की सदस्याएँ जैसे संपतिया उइके, निर्मला भू, कृष्णा गौड़, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह और महासचिव मालती राय शामिल होंगी।
इंदौर मेट्रो और दतिया एयरपोर्ट का होगा उद्घाटन
इस भव्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी इंदौर मेट्रो परियोजना और दतिया हवाईअड्डे के विकास कार्यों का उद्घाटन भी करेंगे। इन योजनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता दी गई है। खास बात यह है कि दतिया एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाला पहला विमान महिलाओं की मौजूदगी में रवाना होगा।
300 रुपए मूल्य का स्मारक सिक्का होगा जारी
इस अवसर को और खास बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी देश का पहला 300 रुपए मूल्य का स्मारक सिक्का जारी करेंगे। वित्त मंत्रालय ने इस पर 30 मई को गजट अधिसूचना जारी की थी। यह सिक्का 35 ग्राम वजनी होगा और इसमें 50% चांदी शामिल रहेगी। एक ओर देवी अहिल्याबाई का चित्र होगा, जिसके ऊपर हिंदी में और नीचे अंग्रेजी में “देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती” लिखा होगा। सिक्के के दूसरी ओर अशोक स्तंभ और नीचे 300 रुपए मूल्य का उल्लेख होगा।
महिलाओं की भूमिका को समर्पित आयोजन
यह आयोजन केवल एक राजनीतिक सम्मेलन नहीं, बल्कि महिला नेतृत्व और योगदान को सलाम करने का एक राष्ट्रीय मंच है। देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के बहाने भारत की महिलाओं के संघर्ष, योगदान और उपलब्धियों को केंद्र में लाया गया है। यह सम्मेलन एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरेगा, खासकर उन युवतियों के लिए जो नेतृत्व के नए आयाम तलाश रही हैं।