पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद जब भारत ने आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की, तो कई देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया। लेकिन तुर्की ने न केवल पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, बल्कि पाकिस्तान की ओर से हुए हमलों में चीन और तुर्की के हथियारों के इस्तेमाल की पुष्टि भी सामने आई है।
इस घटनाक्रम के चलते देशभर में तुर्की के साथ व्यापारिक बहिष्कार की मुहिम तेज़ होती जा रही है। इंदौर मंडी में अब तक तुर्की से सेब आयात किए जाते थे, लेकिन स्थानीय व्यापारियों ने अब इनके स्थान पर अन्य देशों के सेब बेचने का निर्णय लिया है। व्यापारियों का कहना है कि विदेशी सेब पहले से ही महंगे होते हैं, जिससे इनकी मांग सीमित रहती है। तुर्की के विकल्प के रूप में अब वाशिंगटन और न्यूजीलैंड से आने वाले फलों की बिक्री को प्राथमिकता दी जाएगी।

इंदौर थोक फ्रूट मार्केट व्यापारी एसोसिएशन के सचिव नरेश फुंदवानी ने जानकारी दी कि आगामी माह में कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के छोटे आकार के सेब बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। ये सेब 100 से 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिकते हैं, जबकि विदेशी सेबों की कीमत 180 से 220 रुपये प्रति किलो तक रहती है। इंदौर के उपभोक्ताओं को सस्ते और देशी सेब अधिक पसंद आते हैं। ऐसे में तुर्की के सेबों की आपूर्ति बंद होने से बाजार पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इंदौर के नंदलालपुरा फ्रूट मार्केट के अध्यक्ष मुकेश पचौरी ने बताया कि शहर में विदेशी फल आमतौर पर मुंबई के माध्यम से आते हैं, और फिलहाल वहीं से तुर्की के सेबों की आपूर्ति बंद है। हमने भी इंदौर को माल भेजने वाले व्यापारियों से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वे तुर्की के बजाय अन्य देशों से सेब भेजें। जो देश भारत विरोधी रुख अपनाते हैं, उनके साथ व्यापार संभव नहीं है।
फल व्यापारी अंकित ने बताया कि तुर्की के सेबों की अनुपलब्धता के कारण बाजार में थोड़ी कमी तो दिख रही है, लेकिन कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन के सेब तुर्की की तुलना में अधिक रसीले और मीठे होते हैं, और अब वही सेब मंगवाए जा रहे हैं।