अब किराएदार की नहीं चलेगी मनमानी, मकान खाली नहीं किया तो देना होगा चार गुना किराया

मध्य प्रदेश सरकार नया किराएदारी अधिनियम लागू करने जा रही है, जिसमें अनुबंध खत्म होने पर मकान खाली करना अनिवार्य होगा और न करने पर चार गुना किराया देना पड़ेगा। अधिनियम मकान मालिक और किराएदार दोनों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा और हर जिले में किराया न्यायालय की स्थापना की जाएगी।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक नया किराएदारी अधिनियम लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य मकान मालिक और किराएदारों दोनों के हितों की रक्षा करना है। यह अधिनियम राज्य की शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों पर लागू होगा।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अधिनियम का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

अनुबंध समाप्ति के बाद मकान खाली करना होगा अनिवार्य

नए कानून के अनुसार यदि किराएदार तय अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद भी मकान खाली नहीं करता है, तो उसे दंडस्वरूप चार गुना किराया चुकाना होगा। इसका उद्देश्य मकान मालिक को न्याय दिलाना और अनुशासन सुनिश्चित करना है। हालांकि, आपदा की स्थिति जैसे किसी प्राकृतिक आपदा या संकट में किराएदार को तत्काल मकान खाली करने की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन उस अवधि में भी उसे उचित किराया देना अनिवार्य होगा।

किराए पर पुनः किराए की मनाही

यह अधिनियम स्पष्ट करता है कि किराएदार मकान मालिक की अनुमति के बिना संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को उपकिराए पर नहीं दे सकता। यह प्रावधान मकान मालिक की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और अवैध किरायेदारी से बचाता है।

मकान मालिक की जिम्मेदारियां भी होंगी तय

सिर्फ किराएदार ही नहीं, मकान मालिक को भी कुछ नियमों का पालन करना होगा। यदि मकान मालिक को मकान में किसी भी प्रकार की मरम्मत करनी है, तो उसे कम से कम 24 घंटे पहले किराएदार को सूचित करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, बिना किराएदार की अनुमति के मकान मालिक को परिसर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी। मकान में मूलभूत सुविधाएं जैसे जल आपूर्ति, बिजली और सुरक्षा सुनिश्चित करना मकान मालिक की जिम्मेदारी होगी।

किराएदार की मृत्यु पर उत्तराधिकारी को अधिकार

यदि किसी किराएदार की मृत्यु हो जाती है, तो उसका उत्तराधिकारी अनुबंध की शर्तों के अनुसार निश्चित अवधि तक उसी मकान में रह सकता है। उन्हें भी किराए की शर्तों और अनुबंध के नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा। इससे पारिवारिक उत्तराधिकार के मामलों में पारदर्शिता और व्यवस्था बनी रहेगी।

हर जिले में बनेगा किराया न्यायालय

नए अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक विशेष ‘किराया न्यायालय’ की स्थापना की जाएगी, जो किराए से जुड़े विवादों और शिकायतों का त्वरित समाधान करेगा। यह अदालत मकान मालिक और किराएदार दोनों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करेगी।