मूंग पर सियासी घमासान, PCC चीफ का सीएम को पत्र, विपक्ष ने उठाए सरकार की नीयत पर सवाल

मध्य प्रदेश में मूंग फसल की खरीदी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खरीदी में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार से तत्काल खरीद शुरू करने की मांग की है, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

Abhishek Singh
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मध्य प्रदेश में किसानों की मूंग फसल की खरीदी को लेकर राजनीतिक तापमान चढ़ने लगा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखते हुए तत्काल मूंग खरीद शुरू करने की मांग की है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने वीडियो जारी कर सरकार पर खरीदी में लापरवाही का आरोप लगाया है। पटवारी ने चेतावनी दी है कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।

किसानों के लिए संघर्ष ही संघर्ष

पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि प्रदेश के लाखों किसान एक बार फिर गहरे संकट और मायूसी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग उपजाने वाले किसानों को भाजपा सरकार की बेरुखी, वादों के उल्लंघन और प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने उठाए खरीदी नीति पर सवाल

  • वही मूंग मंडी में व्यापारी 3500-5000 रुपये में क्यों खरीद रहे हैं?
  • नहरों से पानी क्यों छोड़ा गया अगर खरीदी नहीं होनी थी?
  • अगर मूंग में ज़हर है, तो अब तक सरकार और एजेंसियां क्या कर रही थीं?
  • पिछले वर्षों से सरकार यही मूंग MSP पर खरीदती रही, तब ज़हर क्यों नहीं दिखा?
  • सरकार साफ करे क्या आगे धान और गेहूं की MSP पर खरीदी होगी?
  • खरीदी नहीं करनी थी तो मार्च में किसानों को साफ मना क्यों नहीं किया?
  • ज़हरीला कीटनाशक कौन सा है और उस पर सरकार कितना GST वसूल रही है?

उम्मीदें बोईं, काटनी पड़ी निराशा

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की खरीदी नहीं कर सरकार ने लाखों किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले किसानों को ‘दुगनी आमदनी’ का सपना दिखाया, लेकिन अब वही सरकार मूंग को ‘ज़हरीला’ बताकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है। इस निर्णय से किसानों को करीब 6000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।