भोपाल शहर में अब नेशनल हाइवे केवल यातायात का ही माध्यम नहीं रहेंगे, बल्कि यह औद्योगिक विकास की नई धड़कन बनेंगे। जून से अयोध्या बायपास का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है और साल के अंत तक एंप्री से रत्नागिरी तक एक नई एलीवेटेड लेन की शुरुआत भी तय मानी जा रही है। इन परियोजनाओं के साथ मंडीदीप से लेकर इंदौर तक पश्चिमी बायपास का निर्माण भी जोर पकड़ रहा है।
बायपास से जुड़ेंगे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
इन बायपास और एलीवेटेड लेन का मकसद केवल ट्रैफिक सुधारना नहीं, बल्कि बैरागढ़, रायसेन रोड, गोविंदपुरा, अयोध्या बायपास, 11 मील और मंडीदीप जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को आपस में जोड़ना है। यह कनेक्टिविटी न सिर्फ पुराने औद्योगिक क्षेत्रों को मजबूती देगी, बल्कि नए उद्योगों के लिए ज़मीन तैयार करेगी।

एंप्री से रत्नागिरी तक कॉरिडोर: कम दूरी, ज़्यादा सुविधा
एक महत्वपूर्ण योजना के तहत एंप्री से रत्नागिरी की लगभग 8 किलोमीटर की दूरी को घटाकर केवल 5 किलोमीटर में समेटने का लक्ष्य है। इस कॉरिडोर पर करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह लेन रत्नागिरी चौराहे से होकर कालीबाड़ी, बरखेड़ा और डीआरएम तिराहे को जोड़ते हुए एंप्री तक पहुंचेगी।
रत्नागिरी से अयोध्या बायपास तक 16 किलोमीटर के क्षेत्र में एलीवेटेड रोड का निर्माण भी शीघ्र शुरू होगा, जो नर्मदापुरम रोड को मंडीदीप से जोड़ेगा। इसके साथ ही आशाराम तिराहा से गांधीनगर एयरपोर्ट तक आठ लेन चौड़ी सड़क तैयार की जा रही है।
औद्योगिक कॉरिडोर से बढ़ेगा व्यापार
इस पूरे नेटवर्क का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मंडीदीप, गोविंदपुरा, एंप्री और रत्नागिरी जैसे उद्योगिक क्षेत्र एक सिंगल कॉरिडोर में जुड़ जाएंगे। अयोध्या बायपास से निकलने वाला यह रास्ता नर्मदापुरम रोड के साथ-साथ इंदौर और नागपुर रोड तक कनेक्टिविटी देगा।
कोलार और आनंद नगर का भी होगा विकास
नर्मदापुरम से कोलार, गुलमोहर, शाहपुरा, चुनाभट्टी जैसे रिहायशी क्षेत्रों को ब्रिज के ज़रिए जोड़ने की योजना है, जिससे आनंद नगर बायपास तक सीधी पहुंच बनेगी। यह कोलार और आनंद नगर जैसे नए विकसित हो रहे क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा और वहां के विकास को नई दिशा देगा।
सीहोर-भोपाल के बीच नए औद्योगिक क्षेत्र की संभावनाएं
हाल ही में कोलार क्षेत्र में दो नए उद्योगों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। नई सड़कों और बायपास के चलते इस क्षेत्र को विस्तार का नया रास्ता मिलेगा। इसके साथ ही सीहोर और भोपाल के बीच नए औद्योगिक क्षेत्रों की संभावनाएं भी प्रबल होंगी, जिससे मास्टर प्लान में शामिल अयोध्या बायपास औद्योगिक क्षेत्र को गति मिलेगी।