एमपीपीएससी में योग्य उम्मीदवारों को लग रहा झटका, गलत योग्यता पर इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट हो रहे ये कैंडिडेट

हालांकि MPPSC द्वारा सभी प्रक्रिया में बेहद पारदर्शिता बरती जाती है। बावजूद इसके कुछ ऐसे कमियां हैं, जिसके कारण कई बार अपात्र परीक्षार्थियों की वजह से पात्र आवेदक को उनके हक से वंचित होना पड़ता है।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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MPPSC Exams : एमपीपीएससी द्वारा हर साल विभिन्न भर्ती परीक्षा के लिए वैकेंसी निकाली जाती है। इन वैकेंसी के माध्यम से पात्र युवाओं के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है और परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार इंटरव्यू की प्रक्रिया को पूरा कर इस पद के लिए चयनित होते हैं। हालांकि इन सब प्रक्रिया में बेहद पारदर्शिता बरती जाती है। बावजूद इसके कुछ ऐसे कमियां हैं, जिसके कारण कई बार अपात्र परीक्षार्थियों की वजह से पात्र आवेदक को उनके हक से वंचित होना पड़ता है।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सेवा की सबसे उच्च पदों पर भर्ती के लिए संवैधानिक संस्था है, जो हर साल विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करता है। विज्ञापन में उन पदों की योग्यता का शैक्षणिक विवरण देता है।

इसके बाद भी कई अयोग्य आवेदन प्राप्त होते हैं और इंटरव्यू के लिए यह आवेदन पात्र भी हो जाते हैं लेकिन जब इंटरव्यू के समय उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाता है तो इस मामले में योग्य और पात्र उम्मीदवारों को उनके सही मौका नहीं मिल पाता और उन्हें अपने हक से वंचित होना पड़ता है।

यह है प्रक्रिया 

राज्य सेवा और राज्य वन सेवा परीक्षा सहित अन्य परीक्षा के लिए आयोग तीन स्तर पर परीक्षा का आयोजन करता है। पारदर्शिता के अलावा इंटरव्यू के जरिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।अधिकांश परीक्षाएं लिखित और इंटरव्यू में होती है। अब आयोग की प्रक्रिया के अनुसार भर्ती विज्ञापन के बाद आवेदन आते हैं। इनमें से जितने आवेदन प्राप्त होते हैं। उनमें से उम्मीदवारों के पद के अधिकतम तीन गुना की संख्या में उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

हालांकि इंटरव्यू के पहले दस्तावेज बुलाए जाते हैं और उन्हें जांचा जाता है। जो इन दस्तावेज के पात्र नहीं होते, उनके उम्मीदवारी इंटरव्यू के पहले ही निरस्त कर दी जाती है। इन सब पारदर्शी प्रक्रिया के बावजूद कई बार योग्य उम्मीदवारों को उनका हक नहीं मिल पाता है। दरअसल समस्या यह है कि पद के तीन गुना बुलाए उम्मीदवारों में से कई मेरिट के आधार पर अपात्र हो जाते हैं और उनके पास पर्याप्त शैक्षणिक अहर्ता नहीं देखते हुए उन्हें बाहर कर दिया जाता है।

ऐसे में यदि 10 पद पर नियुक्ति के लिए 30 उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है और पांच उम्मीदवार अपात्र भी हुए हैं तो 25 उम्मीदवार का इंटरव्यू आयोजित किया जाता है लेकिन जो पांच उम्मीदवार अपात्र पाए गए हैं, उनकी जगह यदि नियम सख्त हो तो पात्र उम्मीदवारों को मौका मिल सकता है।जिससे उन्हें अपनी पात्रता के अनुरूप इंटरव्यू देने का अधिकार प्राप्त हो सके।

अपात्र उम्मीदवारों की उम्मीदवारी हटाना इतना आसान नहीं

हालांकि नियम बेहद सख्त है और एमपीपीएससी द्वारा पारदर्शी तरीके से ही परीक्षा का आयोजन किया जाता है। बावजूद इसके अपात्र उम्मीदवारों की उम्मीदवारी हटाना इतना भी आसान नहीं है। यह इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि इंटरव्यू के पहले आयोग दस्तावेज की सत्यापन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकता क्योंकि हजारों लाखों की संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं।

ऐसे में दस्तावेज में उनकी शैक्षणिक योग्यता को जांचा जा सके और फिर अपात्र को हटाने के बाद फिर से मेरिट वाले छात्रों को मौका दिया जाए। ऐसा संभव नहीं है क्योंकि हजारों लाखों आवेदन के दस्तावेज की सत्यापन प्रक्रिया बेहद कठिन हो सकती है।

लगातार हो रही इस गड़बड़ी से कई अपात्र के कारण योग्य उम्मीदवारों को इंटरव्यू से वंचित होना पड़ता है। हाल ही में आयोग द्वारा राजनीतिक विषय विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2022 के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू हुई थी। इनमें 118 पदों के लिए उम्मीदवारों में से 21 के दस्तावेज अपात्र पाए गए थे। जिनके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था।

ऐसे में यदि इन अपात्र उम्मीदवारों की जगह पर योग्य उम्मीदवारों को इंटरव्यू का मौका मिल जाता तो वह उनके हक की बात होती लेकिन ऐसा नहीं हो सका था, क्योंकि उनके इंटरव्यू में चयनित होने की संख्या को अपात्र उम्मीदवारों की उम्मीदवारी ने ब्लॉक कर दिया था।

कई परीक्षा में गड़बड़ी 

यह पहली परीक्षा नहीं है, जिसमें यह गतिविधि देखने को मिली है। इसके अलावा भी खनिज अधिकारी के 5 पदों की भर्ती में दो अपात्र परीक्षार्थी पाए गए थे। इसके अलावा प्रोग्रामर भर्ती परीक्षा के एक पद के लिए अपात्र उम्मीदवारों को बाहर निकाला गया था जबकि रेडियोलॉजी विशेषज्ञ की परीक्षा में भी ऐसा ही हुआ था। राज्य सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा और अन्य परीक्षाओं में भी हर बार कई अयोग्य और अपात्र उम्मीदवारों की उम्मीदवारी निरस्त की जाती है। जिसके कारण योग्य उम्मीदवारों का हक मारा जाता है।

आयोग कर सकता है नियम को सख्त

इसके लिए आयोग द्वारा नियम को सख्त किया जा सकता है। जैसे आयोग अपात्र उम्मीदवारों को आवेदन करने से रोकने के लिए बुलाए गए विज्ञापन या इंटरव्यू में ही दस्तावेज के साथ यह शर्त रखें की यदि उम्मीदवारों की उम्मीदवारी अपात्रता की वजह से निरस्त होती है या शैक्षणिक और अन्य अहर्ता पूरी नहीं करने के बाद उनके आवेदन अपात्र पाए जाते हैं तो ऐसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी निरस्त हो जाएगी।

उन्हें आगे भी आयोग की सभी परीक्षा के लिए प्रतिबंधित किया जा सकेगा या उन पर अर्थदंड लगाया जाएगा। इस तरह के कठोर नियम होने से ऐसे उम्मीदवार आवेदन करने से बचेंगे और अपात्र उम्मीदवारों की आवेदन कम होने की वजह से योग्य उम्मीदवारों को उनका अधिकार मिल सकेगा।