मध्यप्रदेश सरकार अब औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस बार सरकार की नजर रतलाम जिले पर है, जहां राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
यह न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर विकसित होगा नया औद्योगिक निवेश केंद्र
राज्य सरकार ने रतलाम में प्रस्तावित इस औद्योगिक क्षेत्र को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास विकसित करने का निर्णय लिया है। यह स्थान रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों महानगरों दिल्ली और मुंबई के बीचोंबीच स्थित है। एक्सप्रेसवे से जुड़ाव के कारण परिवहन की सुविधा सहज होगी, जिससे निवेशकों को सस्ता और त्वरित लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मिलेगा। वर्तमान में यहां पर करोड़ों रुपये की लागत से आधारभूत संरचनाओं के विकास का कार्य शुरू हो चुका है, जिसमें सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
1466 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा नया इंडस्ट्रियल हब
रतलाम जिले में विकसित होने वाला यह औद्योगिक क्षेत्र लगभग 1466 हेक्टेयर भूमि पर फैला होगा। इस परियोजना को मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इस भूमि पर सोलर एनर्जी, फार्मास्युटिकल, लॉजिस्टिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इससे रतलाम को एक बहुआयामी औद्योगिक हब के रूप में उभरने का अवसर मिलेगा।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से निवेशकों को मिलेगा लाभ
औद्योगिक क्षेत्र के भीतर फोरलेन सड़कों का निर्माण, ब्रिज निर्माण, पाइपलाइन नेटवर्क और बिजली आपूर्ति की उन्नत व्यवस्था जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत को मंजूरी दी है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर भविष्य के उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह सक्षम होगा। बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधा संपन्न आधारभूत ढांचा देश-विदेश के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा।
इस विशाल परियोजना के माध्यम से रतलाम को एक मल्टी-स्पेशलिटी इंडस्ट्रियल ज़ोन में परिवर्तित करने का लक्ष्य है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की मध्यवर्ती स्थिति रतलाम को लॉजिस्टिक्स हब के रूप में भी स्थापित कर सकती है। इसके अलावा, क्लीन एनर्जी की दिशा में राज्य सरकार की रुचि को देखते हुए यहां सोलर प्रोजेक्ट्स और ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना की भी संभावनाएं प्रबल हैं। फार्मा उद्योग के लिए भी यह क्षेत्र अनुकूल है क्योंकि इसके पास श्रमिक बल, भूमि और लोकेशन की दृष्टि से अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं।