4 मई को इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 परीक्षा केंद्रों पर NEET UG परीक्षा के दौरान बारिश के कारण बिजली कटौती से उत्पन्न हुई अव्यवस्था के चलते उम्मीदवारों के पेपर प्रभावित हुए। इस मुद्दे को लेकर दायर याचिका की 5 जून को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें एक नया विवाद पैदा हुआ और मामले की पुनः सुनवाई पर विचार किया गया।
याचिका में की गई मुख्य मांगें
इन आवेदन में याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज हाईकोर्ट के समक्ष पेश की जाए ताकि परीक्षा में हुई अव्यवस्था की पूरी जानकारी सामने आ सके। साथ ही, उन्होंने आग्रह किया है कि सुनवाई पूरी होने तक रिजल्ट की घोषित तिथि को स्थगित किया जाए। फिलहाल रिजल्ट की संभावित जारी होने की तारीख 14 जून निर्धारित है।

यह उठी बात
सुनवाई के दौरान यह मुद्दा सामने आया कि एकल बेंच के फैसले के बाद मामले में रिट अपील दायर होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में उचित होगा कि इस याचिका पर सीधे डबल बेंच में सुनवाई कर आदेश जारी किया जाए। यह सुझाव भी दिया गया कि मामला 9 जून को सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि अगली बेंच तभी उपलब्ध होगी। हालांकि, छात्रहित को ध्यान में रखते हुए यह भी कहा गया कि सुनवाई आज यानी 5 जून को ही की जाए। इसके लिए उपयुक्त विंडो की तलाश की जा रही है।
सिर्फ 75 छात्रों पर अटका हज़ारों का भविष्य- सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए, क्योंकि 18 परीक्षा केंद्रों पर कुल 8,790 अभ्यर्थी उपस्थित थे, लेकिन केवल 75 परीक्षार्थी ही प्रभावित बताए जा रहे हैं, जिनकी ओर से याचिकाएं दाखिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन 75 छात्रों के कारण शेष हज़ारों छात्रों का परिणाम रोका गया है, इसलिए जल्द आदेश जारी कर परिणाम घोषित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही, मेहता ने यह भी बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने निष्पक्ष जांच समिति गठित कर पूरे मामले की जांच कराई है, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि बिजली जाने की घटना का परीक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद ही आगे कोई निर्णय लेगा।