मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर अपने अलग अंदाज़ और व्यवहार में सादगी के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने चिलचिलाती गर्मी में दो नए संकल्प लेकर सबको चौंका दिया है। मंत्री तोमर ने ऐलान किया है कि जून महीने भर वे न तो एसी का उपयोग करेंगे और न ही अपनी कार से चलेंगे। इसके बजाय वे दुपहिया वाहन से सफर करेंगे और सामान्य जन की तरह जीवन बिताएंगे। इस संकल्प की शुरुआत उन्होंने रविवार रात अपने निवास परिसर में टेंट लगाकर की, जहां उन्होंने केवल पंखे की हवा में रात बिताई। इससे पहले वे अपने सहयोगियों के साथ भजन-कीर्तन में भी शरीक हुए।
ऊर्जा मंत्री का कहना है कि एयर कंडीशनर के उपयोग से बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होती है और साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी होता है, जो पर्यावरण और प्रकृति के लिए नुकसानदायक है। इसी कारण उन्होंने अपने निवास के सामने खुले पार्क में पंखे की व्यवस्था कर रात बिताने का निर्णय लिया। इसके अलावा उन्होंने दूसरा संकल्प यह लिया है कि आने वाले एक महीने तक वे केवल दुपहिया वाहन का उपयोग करेंगे और इसी के जरिए जनसंपर्क भी करेंगे।

जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य
जब ऊर्जा मंत्री से पूछा गया कि वे ऐसे संकल्प क्यों ले रहे हैं और इससे जनता को क्या लाभ होगा, तो उन्होंने बताया कि लोग धीरे-धीरे समझने लगे हैं कि बिजली की बचत कैसे की जा सकती है और हमारे पर्यावरण की सुरक्षा क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि मेरा कर्तव्य है कि मैं लोगों को जागरूक करूं और इस दिशा में प्रयास करता रहूं। अगर इसी कारण विपक्ष या आलोचक मुझे ‘नौटंकीबाज़’ कहेंगे, तो उन्हें कहने दें, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
इन संकल्पों से पहले भी बटोरी सुर्खियां
गौरतलब है कि इससे पहले भी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ऐसे कई संकल्प ले चुके हैं, जो चर्चा का विषय बने हैं। हालांकि इन संकल्पों को लेकर विपक्ष ने उन्हें ‘नौटंकीबाज़’ तक कह दिया था। एक बार जब उन्होंने शहर की खराब सड़कों की स्थिति देखी, तो उन्होंने विरोध स्वरूप चप्पल पहनना ही छोड़ दिया था। बाद में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वयं उन्हें चप्पल पहनाकर यह संकल्प समाप्त करवाया था। इसके अलावा उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि लोग छोटी-छोटी जरूरतों के लिए जैसे सब्ज़ी मंडी जाने के लिए भी बाइक या कार का उपयोग करते हैं, जिससे ईंधन की बर्बादी होती है—इसलिए वे खुद साइकिल से सब्ज़ी लेने जाएंगे। बिजली की बचत के उद्देश्य से उन्होंने एक और संकल्प लिया था कि वे बिना प्रेस किए हुए कपड़े पहनेंगे।