मध्य प्रदेश विधानसभा में 12 मार्च को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया जाएगा। इस बार सरकार पहली बार बजट-पुस्तिका के साथ क्यूआर कोड भी जारी करने जा रही है, जिससे आम जनता को बजट से जुड़ी जानकारी डिजिटल माध्यम से मिल सकेगी। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही राज्य सरकार की आमदनी, खर्च और विभिन्न विभागों को आवंटित धनराशि के आंकड़े मोबाइल पर उपलब्ध होंगे।
वित्त विभाग ने इस बार बजट की ई-बुक तैयार की है, जिसे क्यूआर कोड स्कैन करके देखा और मोबाइल में सेव भी किया जा सकता है।

कैसे काम करेगा यह क्यूआर कोड स्कैन?
बजट जारी होने से एक दिन पहले यानी 11 मार्च को क्यूआर कोड सार्वजनिक स्थलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा कर दिया जाएगा, ताकि लोग पहले से ही इसे एक्सेस कर सकें। जैसे ही वित्त मंत्री बजट भाषण समाप्त करेंगे, यह क्यूआर कोड सभी के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बजट से संबंधित जानकारी को ज्यादा पारदर्शी और सुलभ बनाना है, जिससे आम नागरिक भी आसानी से बजट का अध्ययन कर सकें।
12 मार्च को पेश होगा बजट, 11 मार्च को अनुपूरक बजट
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा 12 मार्च को विधानसभा में बजट पेश करेंगे। इसके पहले, 11 मार्च को 2024-25 का द्वितीय अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी अनुमानित राशि 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी। अनुपूरक बजट का उद्देश्य उन योजनाओं और विकास कार्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देना है, जिनके लिए पहले के बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया गया था।
पिछले वर्षों में बजट की वृद्धि दर
मध्य प्रदेश सरकार का बजट हर साल बढ़ता जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने 3.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया था, जबकि 2024-25 में इसे 16% की वृद्धि दर के साथ बढ़ाकर 3.65 लाख करोड़ रुपये किया गया। यदि इसी वृद्धि दर को बरकरार रखा जाता है, तो 2025-26 के बजट का अनुमानित आंकड़ा लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
क्यों जरुरी है डिजिटल बजट?
इस डिजिटल बजट प्रणाली के तहत, सरकार की कोशिश है कि बजट को आम जनता के लिए अधिक पारदर्शी और समझने में आसान बनाया जाए। इससे लोगों को सरकार के वित्तीय प्रबंधन, विकास योजनाओं और खर्च की सही जानकारी मिलेगी, जिससे वे राज्य की आर्थिक नीतियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।