मध्यप्रदेश सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदों और तरीकों से अवगत कराने के लिए एक खास चौपाल का आयोजन कर रही है। यह चौपाल 26 जून से जबलपुर के मानस भवन, राइट टाउन में आयोजित की जाएगी। इस आयोजन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह और अन्य कई मंत्री भी मौजूद रहेंगे। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, ताकि यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
अन्नदाताओं को मिलेगा प्राकृतिक खेती का ज्ञान
इस विशेष चौपाल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व और उसके लाभ के बारे में जानकारी देना है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम से कम होता है और यह पर्यावरण के लिए भी अधिक सुरक्षित है। चौपाल में कृषि विशेषज्ञ किसानों को इस खेती के उन्नत तरीके, रबी फसलों की खेती में सुधार, जैविक खेती के लाभ, और अन्य महत्वपूर्ण कृषि तकनीकों से अवगत कराएंगे।

साथ ही, इस कार्यक्रम के जरिए किसानों को उन योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी जो राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए चला रही है। इससे उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद मिलेगी और उनका आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगा।
किसानों को दी जाएगी लाभकारी योजनाओं की जानकारी
इस चौपाल के दौरान, किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इनमें कृषि यंत्रों पर अनुदान, बीजोपचार, मिट्टी जांच, गोबर गैस अनुदान, और जैविक खेती के लिए मिलने वाली सहायता राशि जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर खेती के लिए सहायता प्रदान करना और उनके वित्तीय बोझ को कम करना है।
कृषि यंत्रों पर अनुदान से किसानों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। वहीं, फसल बीमा योजना के जरिए किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए आर्थिक सुरक्षा दी जाएगी।
कृषि कल्याण के लिए सरकार की योजनाएं
कार्यक्रम में किसानों को अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इनमें सिंचाई योजनाएं, डीजल अनुदान, और कृषि यंत्रों पर अनुदान जैसी योजनाएं शामिल हैं, जो किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा चलाए जा रहे रबी फसल से जुड़े योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी।
साथ ही, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हो और कृषि प्रणाली ज्यादा टिकाऊ बन सके।