एमपी के इस शहर में व्यापार को मिलेगा नया ठिकाना, बनेंगे 4 अत्याधुनिक मार्केट

जबलपुर शहर में नगर निगम की प्राइम लोकेशन पर कीमती जमीनें खाली या अव्यवस्थित उपयोग में पड़ी हैं, जबकि नए बाजारों की जरूरत तेजी से बढ़ रही है। निगम यदि इन जमीनों का सही इस्तेमाल करे, तो अत्याधुनिक मार्केट बनाकर भीड़ और व्यापारिक दबाव को कम किया जा सकता है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में नए बाजारों की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकिन नगर निगम अपनी ही प्राइम लोकेशन पर स्थित कीमती जमीनों का सही उपयोग नहीं कर पा रहा है। शहर में चार नए मार्केट विकसित करने की योजना है, इसके लिए नगर निगम जमीन की तलाश में जुटा है। हैरानी की बात यह है कि निगम के पास पहले से ही कई प्रमुख क्षेत्रों में खाली पड़ी जमीनें मौजूद हैं, जिनका या तो उपयोग नहीं हो रहा है या फिर उनका दुरुपयोग हो रहा है।

सिविक सेंटर, पुराना बस स्टैंड, रानीताल और दमोहनाका जैसे इलाकों में निगम के स्वामित्व वाली जमीनें या तो खाली पड़ी हैं या फिर अव्यवस्थित तरीके से उपयोग की जा रही हैं। कहीं ये स्थान वाहन पार्किंग में तब्दील हो गए हैं, तो कहीं कचरा स्टेशन के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं। निगम मुख्यालय के पास मौजूद कर्मचारियों के पुराने जर्जर क्वार्टर भी अब तक नवीनीकरण का इंतजार कर रहे हैं, जबकि वहां मल्टी स्टोरी कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए जा सकते हैं।

पुराने बाजारों पर बढ़ता जा रहा हैं दबाव

शहर के पुराने बाजारों में लगातार भीड़ बढ़ रही है, जिससे यातायात और व्यापार दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यदि नगर निगम प्राइम लोकेशन में मौजूद अपनी ही जमीन का बेहतर उपयोग करे तो नए और अत्याधुनिक बाजारों का निर्माण संभव हो सकता है, जिससे शहर को नया व्यावसायिक आधार मिलेगा और पुराने बाजारों का बोझ भी कम होगा।

जरूरी है बेहतर योजना और क्रियान्वयन

दमोहनाका क्षेत्रीय बस स्टैंड की चार एकड़ जमीन फिलहाल अस्थायी गार्बेज स्टेशन के तौर पर इस्तेमाल हो रही है, जबकि इस जगह पर मल्टी स्टोरी मार्केट या सेमी-कमर्शियल भवन बनाए जा सकते हैं। इसी तरह, तीन पत्ती चौक स्थित पुराने बस स्टैंड की पांच एकड़ जमीन वाहन पार्किंग के लिए उपयोग में लाई जा रही है। गौरीघाट बस स्टैंड और नेहरू उद्यान के सामने की जमीनें भी बिना योजना के पड़ी हैं।

इन जमीनों का नए बाजार विकसित करने के लिए किया जा सकता हैं उपयोग

  • पुराना बस स्टैंड: लगभग 5 एकड़ जमीन
  • नेहरू उद्यान के सामने: 10 हजार वर्गफीट से अधिक
  • सिविक सेंटर चौपाटी के पास: लगभग 1 एकड़
  • दमोहनाका बस स्टैंड: लगभग 4 एकड़
  • गौरीघाट बस स्टैंड: 10 हजार वर्गफीट से अधिक