इन दिनों बदले बदले से क्यों नजर आ रहे हैं मेंदोला

पहले कभी इंदौर के भाजपा विधायक रमेश मेंदोला अपनी नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते थे। लेकिन इन दिनों मेंदोला इतने सहज नजर आने लगे हैं कि देखने वालों को भी आश्चर्य होने लगा है। मेंदोला लगातार सभी कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। भाजपा के किसी भी नेता के कार्यक्रम में और घर जाने में उन्हें किसी तरह का गुरेज नहीं है। आश्चर्य तो लोगों को तब हुआ जब पिछले दिनों भाजपा के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद जी मुखर्जी की जयंती के मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय प्रतिमा स्थल पर मौजूद थे लेकिन विधायक रमेश मेंदोला इस दौरान भाजपा के नए नवेले राज्यसभा सदस्य और अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कार्यक्रम में लेने के लिए रेडिसन होटल चले गए।

पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ वे लंबे समय बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी मोघे के घर पर भी पहुंचे और उनकी पत्नी से अपनी पसंद के समोसे बुलवाकर खाए। देखने वालों को यह सब आश्चर्यजनक लग रहा है। क्योंकि मेंदोला कभी भी इतने सहज नेता नहीं रहे हैं। वह सिर्फ उन्हीं कार्यक्रमों में जाते थे जहां उनकी मर्जी होती थी। मेंदोला कई मंत्रीयों और विधायकों के कार्यक्रमों से भी हमेशा दूरी बनाकर रखते थे। इसी प्रकार जिले के वर्तमान कलेक्टर के साथ भी पूर्व में उनके रिश्ते तल्ख रहे हैं। लेकिन इन दिनों जिला प्रशासन और क

लेक्टर द्वारा बुलाई गई हर बैठक में भी मेंदोला की उपस्थिति सुनिश्चित रहती है। इसके पीछे के कारण कुछ राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मेंदोला अब राजनीति में अपनी स्वयं की जड़े जमाने में लग गए हैं। किसी जमाने में पूरी तरह कैलाश विजयवर्गीय पर निर्भर रहते थे। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के अनुभवों ने उन्हें यह सिखा दिया है कि राजनीति में अपनी स्वयं की जमावट भी उतनी ही जरूरी है जितनी की अपने गुरु के प्रति आस्था जरूरी है।

इन दिनों बदले बदले से क्यों नजर आ रहे हैं मेंदोला

बताते हैं कि विजयवर्गीय अपने पुत्र आकाश को क्षेत्र क्रमांक 2 से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मेंदोला अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़ने को राजी नहीं हुए उसके बाद ही उन्हें आकाश विजयवर्गीय के लिए उस समय के सबसे कठिन विधानसभा क्षेत्र तीन की ओर रुख करना पड़ा। इसके बाद से ही मेंदोला ने राजनीति में अपनी स्वयं की जड़े मजबूत करना प्रारंभ कर दी है और इसी का कारण है कि वह अब वे बिल्कुल सहज नजर आने लगे हैं।