इंदौर स्थित राजपूत लेडीज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से संचालित नेशनल ब्लाइंड एसोसिएशन, दृष्टिबाधित बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और आत्मनिर्भरता का बड़ा सहारा बन रहा है। इस केंद्र को संजय यादव संचालित कर रहे हैं।
एक सत्र में लगभग 25 बच्चे मध्यप्रदेश के विभिन्न छोटे शहरों और गांवों से यहां आते हैं। यह प्रदेश का एकमात्र संस्थान है, जहां दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई पूरी तरह निःशुल्क कराई जाती है। यहां बच्चों की रुचि और विषय के अनुसार बीएड, एमफिल, एमकॉम जैसी डिग्रियों की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाती है। इसके लिए कौटिल्य एकेडमी और चाणक्य एकेडमी द्वारा छह माह की निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जाती है।
बैंकों और शिक्षा जगत में संस्थान के विद्यार्थियों की सफलता
संस्थान से पढ़कर कई छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों, शिक्षा जगत और प्रशासनिक सेवाओं में नाम रोशन किया है। इंदौर जिले में वर्तमान में पदस्थ तहसीलदार संजय यादव, जो पूर्णतः दृष्टिबाधित हैं, ने 2016 से 2020 तक यूपीएससी में लगातार सफलता अर्जित की। इसके अलावा यहां के कई विद्यार्थी कॉलेजों और स्कूलों में शिक्षक, संगीत शिक्षक तथा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की पहली महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने हाल ही में हुए वर्ल्ड कप में रनरअप स्थान हासिल किया।
आत्मनिर्भरता की विशेष ट्रेनिंग
संस्थान में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ ओरिएंटेशन और मोबिलिटी ट्रेनिंग भी दी जाती है, ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपना दैनिक जीवन जी सकें। इसमें नहाना-धोना, कपड़े पहनना, प्रेस करना, अपने बर्तन और कपड़े साफ करना, बिस्तर व्यवस्थित करना जैसे कार्य सिखाए जाते हैं। साथ ही शहर के विभिन्न स्थानों जैसे बैंक, पोस्ट ऑफिस, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और कॉलेज तक सुरक्षित ढंग से पहुंचने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
छड़ी की सहायता से स्वतंत्र रूप से चलने-फिरने की यह कला नए दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित हो रही है। इस प्रशिक्षण के बाद बच्चे आत्मनिर्भर होकर न केवल अपनी जिंदगी संभाल रहे हैं बल्कि समाज में एक प्रेरक उदाहरण भी बन रहे हैं।