प्रोफेशनल डॉक्टर्स को भी ऑनलाइन पंचगव्य थैरेपी की दे ट्रेनिंग – वीरेन्द्र कुमार जैन

इंदौर। म पृ सरकार प्रत्येक गाँव में एक गव्यसिद्ध की नियुक्ति करे ताकि वो गाँव वालों को आवश्यकता होने पर पंचगव्य थैरेपी के उपयोग की जानकारी दे सके। वेलनेस सेंटर पर भी ये सेवाएँ दे सकेंगे ।लालबाग में गोऋषि दत्तसागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे वेदलक्षणा गो शृध्दा महोत्सव कार्यक्रम में व्याख्यान देते हुए गव्याचार्य वीरेन्द्र कुमार जैन ने उपरोक्त माँग के साथ राज्य शासन से यह माँग भी की है कि सभी आयुर्वेद डॉक्टर, वैद्य, नेचरोपैथी डॉक्टर एवं हेल्थ से जुड़े सभी प्रोफेशनल को भी ऑनलाइन पंचगव्य थैरेपी की ट्रेनिंग दे ताकि अधिक से अधिक जनता इससे लाभान्वित हो सके।

प्रोफेशनल डॉक्टर्स को भी ऑनलाइन पंचगव्य थैरेपी की दे ट्रेनिंग - वीरेन्द्र कुमार जैन

पंचगव्य थैरेपी खोजकर्ता जैन ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से यह अपेक्षा की है कि आयुर्वेद कॉलेज के फायनल ईयर एवं इंटर्नशिप कर रहे बीएएमएस डॉक्टर्स को 30 घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिंग, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग,कंपलसरी करे। उन्होंने संगोष्ठी में बतलाया कि आयुर्वेदीय पंचगव्य थैरेपी से अनेकों बीमारियों कैंसर,अस्थमा,चर्मरोग,लंग्स फायबृोसिस से लेकर क़ब्ज़ ,गैसेस से पीड़ित मरीज़ लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रोफेशनल डॉक्टर्स को भी ऑनलाइन पंचगव्य थैरेपी की दे ट्रेनिंग - वीरेन्द्र कुमार जैन

जैन ने कहा प्रदूषण रहित इस पंचगव्य थैरेपी का प्राकृतिक खेती में अधिक से अधिक उपयोग के लिए कृषि मित्र को भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग फ़ील्ड अधिकारियों के माध्यम से भी खेती में पंचगव्य के उपयोग की जानकारी दे सकते हैं। इसके उपयोग पर शासन कृषकों को अनुदान देकर प्रोत्साहित कर सकता है ताकि ज़हर रहित अनाज, फल,सब्ज़ी प्राप्त हो सकें। शहर के नगर निगम एवं नगर पालिकाएँ अपने उद्दानों में पंचगव्य का उपयोग कर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है और सभी होटल्स एवं बंगलों में पंचगव्य के उपयोग के लिए मालियों को ट्रेनिंग दे सकता है। क्योंकि पंचगव्य प्रॉडक्ट में यूरिया, नाइट्रोजन फास्फेट पोटाश सहित कई माइक्रो न्यूट्रिएंट्स सहित लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु भी होते हैं।